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निर्णय के छह महीने बाद भी नहीं लगे सीसीटीवी
सिलीगुड़ी : निर्णय लिया हुआ भी छह महीने से अधिक गुजर गया लेकिन सीसीटीवी का कुछ पता नहीं है. जिसकी वजह से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे है. सीसीटीवी के अभाव में मेडिकल कॉलेज परिसर में अपराधिक गतिविधियां भी बढ़ रही है. हालांकि उत्तर बंगाल मेडिकल […]
सिलीगुड़ी : निर्णय लिया हुआ भी छह महीने से अधिक गुजर गया लेकिन सीसीटीवी का कुछ पता नहीं है. जिसकी वजह से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे है. सीसीटीवी के अभाव में मेडिकल कॉलेज परिसर में अपराधिक गतिविधियां भी बढ़ रही है. हालांकि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जल्द ही सीसीटीवी लगाये जाने का आश्वासन दिया है.
वर्तमान समय में सीसीटीवी कैमरा सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है. पुलिस प्रशासन ने पूरे शहर को सीसीटीवी में कैद किया है. बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डा आदि पर भी सीसीसीवी से निगरानी रखी जा रही है. वहीं शहर के अधिकांश होटल, रेस्टोरेंट व अस्पताल में सीसीटीवी लगा हुआ है. हालांकि इतना बड़ा परिसर होने के बाद भी उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में सीसीटीवी नहीं है. जिसकी वजह से आये दिन मेडिकल कॉलेज में अपराधिक घटनाएं होती है. सीसीटीवी न होने का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व मेडिकल परिसर में प्रवेश कर हंगामा करते हैं. बच्चा चोरी की कई घटनाएं घट चुकी हैं. मरीजों की मौत को लेकर आये दिन हंगामा होता रहता है. कई बार मरीजों के परिवार व चिकित्सकों के बीच हाथापाई हुयी है.
कॉलेज की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ व रैगिंग एक अलग ही मसला है. कई बार मरीज वार्ड से निकल कर फरार भी हो गये हैं. सभी मामलों की जांच में सच्चाई को बाहर लाने के लिए सीसीटीवी एक बड़ी परेशानी बनकर सामने आयी है. सिलीगुड़ी, माटीगाड़ा, खोड़ीबाड़ी, नक्सलबाड़ी, फांसीदेवा, पानीटंकी, व पहाड़ तथा जलपाईगुड़ी व डुआर्स के अधिकांश इलाकों में घटी सड़क हादसों व मौत के अन्य मामलों में शवो का पोस्टमार्टम भी उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में ही होता है. अपराधिक मामलों में गिरफ्तार व्यक्तियों की मेडिकल जांच भी यहीं करायी जाती है. ऐसे में सीसीटीवी काफी महत्वपूर्ण है.
करीब छह महीने पहले उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल परिसर में सीसीटीवी लगाने का मामला जोर पकड़ा था. रोगी कल्याण समिति की बैठक में इस मसले पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय भी लिया गया था. लेकिन सीसीटीवी लगाने का निर्णय लेने के छह महीने बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुआ. मेडिकल कॉलेज सूत्रों के मुताबिक उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज परिसर को सुरक्षा घेरे में कैद करने के लिए 400 सीसीटीवी कैमरे की आवश्यकता है.
लेकिन छह माह पहले रोगी कल्याण समिती की बैठक में मात्र 150 सीसीटीवी लगाये जाने का निर्णय लिया गया. समिति का अनुमान कि एक साथ इतने कैमरे लगाने की अनुमति स्वास्थ विभाग नहीं देगी. इसलिए प्रथम चरण में 150 सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव स्वास्थ विभाग को भेजा गया. हालांकि उस प्रस्ताव पर अभी तक स्वास्थ विभाग ने मुहर नहीं लगाया है. जिसकी वजह से मेडिकल कॉलेज परिसर में सीसीटीवी लगाने का मामला अधर में लटका हुआ है.
इस संबंघ में उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के अधीक्षक डॉ कौशिक सम्माद्दार ने बताया कि सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव पूर्व अधीक्षक डा. मैत्रेयी कर के कार्यकाल में भेजा गया था. बल्कि यह मामला उन्हें भी मालूम है. लेकिन सीसीटीवी लगाने को लेकर अभी तक अनुमति नहीं मिली है.
वहीं उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन डा. रूद्रनाथ भट्टाचार्य ने बताया कि स्वास्थ विभाग से आधिकारिक तौर पर सीसीटीवी लगाने की अनुमति नहीं मिली है. लेकिन यह कार्य जल्द होने की संभावना है. यहां बता दे कि सीसीटीवी लगाने के प्रस्ताव को स्वास्थ विभाग की मंजूरी मिलने के बाद टेंडर जरिए कार्य संपन्न कराया जायेगा.
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