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सिलीगुड़ी : एक सप्ताह बाद फिर लौटा तेंदुए का आतंक

सिलीगुड़ी : एक सप्ताह बाद सिलीगुड़ी में फिर से तेंदुए का आतंक लौट गया है. सिलीगुड़ी के चेकपोस्ट स्थित एक शॉपिंग मॉल के निकट बने गोदाम में तेंदुए के पैर के निशान पाये गये हैं. जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम निशान की जांच में जुट गयी है. तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा […]

सिलीगुड़ी : एक सप्ताह बाद सिलीगुड़ी में फिर से तेंदुए का आतंक लौट गया है. सिलीगुड़ी के चेकपोस्ट स्थित एक शॉपिंग मॉल के निकट बने गोदाम में तेंदुए के पैर के निशान पाये गये हैं. जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम निशान की जांच में जुट गयी है. तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की कवायद भी शुरू की गयी है.आस पास की झाड़ियों में भी तेंदुए की तलाशी की जा रही है. वैसे इस बार तेंदुआ किसी की नजर में नहीं आया है.
उल्लेखनीय है कि 3 मई को शहर के चेकपोस्ट स्थित एक शॉपिंग मॉल के सामने मार्बल गोदाम में तेंदुए को देखा गया था. शहर में तेंदुए के आने से लोगों में आतंक था. दो-तीन दिनो की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम तेंदुए को पिंजराबंद करने सफल हुयी. तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली थी.
इधर मंगलवार की दोपहर चेकपोस्ट के उस खाली गोदाम की दीवार व आस-पास की जमीन पर तेंदुए के पैर के निशान पाये गए. गोदाम की देखरेख में तैनात सुरक्षाकर्मी गोपाल गुप्ता ने बताया कि उसे एक कर्मचारी ने संदेहास्पद पैर के निशान दिखाये. गोदाम के अधिकांश दीवारों पर तेंदुए के पैर जैसा निशान देखने को मिला है. आस-पास की जमीन पर भी वैसे ही निशान पाये गये हैं. यह खबर फैलते ही फिर से इलाके में तेंदुए की दहशत फैल गयी है. जानकारी मिलते ही सालूगाड़ा रेंज के वन कर्मचारी इलाके में छानबीन करने में लग गए हैं.
इलाकाई लोगों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने पिंजरा लगाया है ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके. वैकुंठपुर वन विभाग की डीएफओ उमा रानी ने बताया कि निशान की जांच की जा रही है. तेंदुए को अब तक किसी ने देखा नहीं है. जिसकी वजह से इलाके में तेंदुए की मौजूदगी साबित नहीं हुयी है. वन विभाग पूरे इलाके पर निगरानी बनाये हुए है.
क्या कहते हैं वन- विभाग के अधिकारी
उत्तर बंगाल के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनपाल एमआर बालोच ने बताया कि गोदाम की दीवार पर पाये गये निशान पुराने भी हो सकते हैं. पिछली बार उसी गोदाम में तेंदुए देखा गया था. इसके अलावा जो निशान पाये गये हैं वे कुत्ते के भी हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग इलाके पर पैनी निगरानी रख रही है.
पकड़े गये तेंदुओं को भेजा रेसक्यू सेंटर
पकड़े गये पूर्ण व्यस्क मादा तेंदुए की आंख में एक पुराना जख्म पाया गया था. उसके अतिरिक्त उसके शरीर पर कई नये जख्म भी मिले थे. जिसकी वजह से उसे इलाज के लिए सुकना वाइल्ड लाइफ अस्पताल में भेज दिया गया था. इसके दूसरे ही दिन बागडोगरा के बेंगडूबी इलाके में एक तेंदुए को वन विभाग ने पिंजरे में बंद किया. उसे भी इलाज के लिए सुकना वाइल्ड लाइफ अस्पताल भेज दिया गया था. इन दोनों को बेहतर इलाज के लिए फालाकाटा स्थित खयेरबाड़ी रेसक्यू सेंटर भेज दिया गया है.

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