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मतदान से सिलीगुड़ी वासियों का जीवन अस्त-व्यस्त
सिलीगुड़ी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान की वजह से बाहर से आने वाले पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. साथ ही सिलीगुड़ी शहर के लोगों को परेशानी हुयी. मतदान के लिए राज्य सरकार की ओर से तो चुनाव वाले इलाके के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज आदि को छुट्टी दी गयी थी. […]
सिलीगुड़ी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान की वजह से बाहर से आने वाले पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. साथ ही सिलीगुड़ी शहर के लोगों को परेशानी हुयी. मतदान के लिए राज्य सरकार की ओर से तो चुनाव वाले इलाके के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज आदि को छुट्टी दी गयी थी. लेकिन गाड़ी चालक, निजी फर्म, दुकान व होटलों में काम करने वाले मजदूर और घर की परिचारिकाओं की छुट्टी लेने से जीवन काफी अस्त-व्यस्त दिखा.
मतदान को लेकर सोमवार को सिलीगुड़ी शहर में अन्य दिनों की अपेक्षा चहल-पहल कम दिखी. शहर के अधिकांश होटल बंद पाये गया. टैक्सी, ऑटो व निजी बसों की संख्या भी सड़को पर कम दिखी. पूर्वोत्तर भारत का दूसरा बड़ा रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी के आस-पास स्थित अधिकांश होटल बंद मिले. रेलवे स्टेशन परिसर में चाय-नास्ते की दुकानें भी बंद थी. रेलवे स्टेशन परिसर में ऑटो, बस व टैक्सी खड़ी तो थी लेकिन चालक नदारद था. होटल मालिकों ने बताया कि अधिकांश कर्मचारी डाबग्राम-फूलबाड़ी इलाके के निवासी है. मतदान के लिए उन लोगों ने छुट्टी ले रखी है. कर्मचारियों के अभाव में होटल बंद करना पड़ा है. न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन परिसर में चाय-नास्ते की दुकान व ठेला लगाने वालों की भी एक ही कहानी, सभी वोट देने के लिए दुकान बंद कर गए है. सिलीगुड़ी शहर में भी स्थित कई होटल बंद पाये गये. इन होटलों के बंद होने से लोगों को काफी परेशानी हुयी. बिहार मुजफ्फरपुर के लीची व्यवसायी प्रकाश प्रसाद पिछले सप्ताह ही सिलीगुड़ी आये हैं. वे शाकाहरी है. बड़े व नामी होटलों को छोड़कर वे महावीर स्थान के शुद्ध शाकाहारी होटल में भोजन करते हैं. लेकिन आज सुबह से वे कई बार होटल का चक्कर लगा चुके हैं. अंत में हारकर आज फल व जूस से ही काम चलाना पड़ा.
घर की परिचारिका भी वोट देने में व्यस्त थी. जिसकी वजह से गृहणियों को काफी परेशानी हुयी. सिलीगुड़ी शहर व्यवसाय के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस शहर में व्यवसायी, सरकारी व प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों की संख्या अधिक है. ऐसे परिवार के गृहणियों के लिए सुबह का एक-एक मिनट बहूमुल्य होता है. बच्चों को तैयार कर स्कूल या बस स्टॉप तक पहुंचाना और काम पर जाने वालें मर्दो का नास्ता आदि तैयार करना प्रतिदिन की चुनौती है. हाथ बटाने के लिए करीब प्रत्येक गृहणियों ने परिचारिका को रखा है. लेकिन आज वोट देने जाने की वजह से अधिकांश परिचारिकाओं ने छुट्टी ले ली. जिसकी वजह से गृहणियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा.
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