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दलितों व पिछड़ों के विकास से ही होगी देश की तरक्की : डॉ अच्युत सामंत
उत्कलीय मिलिता मंच व अन्य 67 सामाजिक संस्थाओं द्वारा शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता व सांसद डॉ अच्युत सामंत को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए किया गया सम्मानित कोलकाता : जाने-माने शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता व हाल ही में सांसद बने डॉ अच्युत सामंत को शुक्रवार को उत्कलीय मिलिता मंच व अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा […]
उत्कलीय मिलिता मंच व अन्य 67 सामाजिक संस्थाओं द्वारा शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता व सांसद डॉ अच्युत सामंत को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए किया गया सम्मानित
कोलकाता : जाने-माने शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता व हाल ही में सांसद बने डॉ अच्युत सामंत को शुक्रवार को उत्कलीय मिलिता मंच व अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा प्रेस क्लब में सम्मानित किया गया. ओड़िशा में किस व किट संस्थान के जरिये हजारों आदिवासी व पिछड़े वर्ग के युवाओं को शिक्षा के जरिये सशक्त करने के लिए डॉ सामंत को सम्मानित किया गया.
मौके पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष स्नेहाशीष सुर व सचिव किंशुक प्रमाणिक ने डॉ सामंत को शॉल ओढ़ाकर, पुष्प गुच्छ व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस माैके पर किट व किस के संस्थापक व सांसद डॉ सामंत ने कहा कि शिक्षा के जरिये ही समाज को सशक्त किया जा सकता है.
भुखमरी व दरिद्रता देश की बड़ी समस्या है, इसके निदान के लिए शिक्षा एक बेहतर विकल्प है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि देश का उत्थान तभी होगा, जब देश से दरिद्रता खत्म होगी. समाज के पिछड़े समुदाय के उत्थान से ही देश की तरक्की होगी. इसमें शिक्षा एक मजबूत विकल्प है. हम शिक्षा के जरिये महात्मा गांधी के सपने को साकार कर रहे हैं. आज ओड़िशा में लगभग 27,000 आदिवासी बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इसमें 40 प्रतिशत बच्चे पश्चिम बंगाल के हैं.
वर्ष 1992-93 में जब ओड़िशा का इतना विकास नहीं हुआ था, तब आदिवासी बच्चों को जंगल से स्कूल की ओर लाया गया, ताकि वे पढ़-लिख सकें. वे उनको शिक्षित कर आगे बढ़ाना चाहते थे, यह उनकी कोशिश थी लेकिन इसमें ईश्वर की भी मर्जी शामिल थी. उनके इशारे के बिना वे ये महान काम नहीं कर सकते थे. आज 20 जिलों में आदिवासी बच्चे पढ़ रहे हैं. अब कोलकाता में भी गरीब बच्चों के लिए एक एनजीओ के सहयोग से किस (केआइएसएस) की शुरुआत की जा रही है. इन संस्थानों के एकेडमिक काम को देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी काफी सराहा था. लोगों के स्नेह व ईश्वर की कृपा से वे आगे भी देश में शिक्षा का विस्तार करते रहेंगे.
कार्यक्रम में उत्कलीय मिलित मंच के अध्यक्ष रवि महापात्रा ने कहा कि डॉ सामंत ने पिछड़े, आदिवासी व दलित समुदाय की शिक्षा के लिए ओड़िशा में जो कार्य शुरू किया है, वह सराहनीय है. उनकी सालों की मेहनत व संघर्ष का ही नतीजा है कि आज लगभग 27,000 आदिवासी व दलित किस में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया उदाहरण पेश किया है. पश्चिम बंग उत्कल समाज के अध्यक्ष कृष्णचंद भुंईंया ने कहा कि डॉ सामंत के जीवन से हम सबको एक नयी प्रेरणा मिलती है. वे समाज के पिछड़े बच्चों व युवाओं को सशक्त करने का काम कर रहे हैं.
पूर्व सांसद प्रद्युम्न बल ये चाहते थे कि कोई युवा आगे आये व आदिवासियों के उत्थान के लिए शिक्षा का दीप जलाये. उनके इस सपने को डॉ सामंत ने सच करके दिखाया है. कार्यक्रम में उत्कलीय मिलित मंच के शिक्षा सेल के सचिव प्रशांत कुमार दास ने कार्यक्रम का संचालन किया.
यहां उत्कलीय मिलित मंच के अलावा उपेंद्र भंज विद्यापीठ, जगन्नाथ विद्यापीठ, कलिकत्ता उड़िया सहित लगभग 67 संस्थाओं ने डॉ अच्युत सामंत को सम्मानित किया. कार्यक्रम में जीएसटी कमिश्नर विजय कुमार मल्लिक, आइएएस काशीनाथ बेहरा, रेणुका रथ सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
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