बुधवार को आंदोलन के कारण इलाके में कोई जमीन दलाल नजर नहीं आया. आंदोलन कर रहीं महिलाओं ने कहा कि इस इलाके में लगभग 50 से 60 परिवार रहते हैं. इनके साथ ही उत्तर माल्लागुड़ी आदि इलाके से भी अंतिम संस्कार के लिए शव को इसी श्मशान घाट में लाया जाता है. जमीन बेचने की कोशिश को लेकर स्थानीय पार्षद से भी शिकायत की गई है. लेकिन उन्होंने भी कोई कार्रवाई नहीं की. स्थानीय माकपा पार्षद मुकुल सेनगुप्ता से इस मुद्दे को लेकर फोन पर सम्पर्क किया गया, लेकिन उन्होंने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
इस बीच आंदोलन की खबर मिलते ही प्रधाननगर थाना पुलिस पहुंची और परिस्थिति का मुआयना किया . महिलाओं की ओर से समाधान नहीं निकलने पर वृहत्तर आन्दोलन की चेतावनी दी गयी है. इलाकावासी बबलू हांसदा ने बताया कि दादाजी के जमाने से ही इस श्मशान को देखते आ रहे है. इसकी जमीन पर कोई कैसे कब्जा कर सकता है. इलाकावासियों ने इसपर प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है.