उम्मीद. गोरामुमो के रास्ते से ही गोरखालैंड का सपना पूरा होगा
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छठी अनुसूची से ही मिलेगा अलग राज्य : जेआर देवान
उम्मीद. गोरामुमो के रास्ते से ही गोरखालैंड का सपना पूरा होगा गोरखा राष्ट्रीय भूतपूर्व सैनिक संगठन की हुई सभा दार्जिलिंग : गोरखा राष्ट्रीय भूतपूर्व सैनिक संगठन की सभा शुक्रवार को स्थानीय गोरखा दुख निवारक सम्मेलन भवन में संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष जेआर देवान ने की. सभा का शुभारंभ गोरामुमो के संस्थापक […]
गोरखा राष्ट्रीय भूतपूर्व सैनिक संगठन की हुई सभा
दार्जिलिंग : गोरखा राष्ट्रीय भूतपूर्व सैनिक संगठन की सभा शुक्रवार को स्थानीय गोरखा दुख निवारक सम्मेलन भवन में संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष जेआर देवान ने की. सभा का शुभारंभ गोरामुमो के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष घीसिंग की तस्वीर पर दीप जलाकर और खादा अर्पण कर किया गया. इसके बाद एक मिनट का मौन धारण किया गया.
अपने संबोधन में जेआर देवान ने कहा कि छठी अनुसूची से ही गोरखाओं का गोरखालैंड का सपना पूरा होगा. गोरामुमो ने भी सन 1986 में अलग राज्य गोरखालैंड के लिए जब आंदोलन शुरू किया था, तब गोरामुमो के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष घीसिंग को पता चला कि अलग राज्य छठी अनुसूची से ही संभव है.
इसलिए वह छठी अनुसूची की मांग करने लगे और 6 दिसम्बर, 2005 को राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और गोरामुमो के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ. राज्य सरकार ने उसी दौरान विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके केन्द्र सरकार को भेजा था, परंतु छठी अनुसूची का विरोध यहां के लोगों ने किया और यह लागू नहीं हो सका.
श्री देवान ने कहा कि छठी अनुसूची संवैधानिक व्यवस्था है, इसलिए गोरखाओं का विकास और गोरखालैंड का रास्ता छठी अनुसूची से ही साफ हो पायेगा. गोरामुमो छठी अनुसूची को पहाड़ में लागू करने के लिए काम कर रहा है, जिसका गोरखा राष्ट्रीय भूतपूर्व सैनिक संगठन पूरा समर्थन करता है. सभा में दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र से लेकर तराई व डुआर्स तक के भूतपूर्व सैनिकों की उपस्थिति रही. सभा को भीम सुब्बा, बुद्ध तमांग, केवी गुरुंग आदि ने संबोधित किया.
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