सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीटू के वरिष्ठ नेता सुभाष मुखर्जी ने उत्तर बंगाल के चाय बागानों और श्रमिकों की बदहाल हेतु राज्य व केंद्र दोनों सरकारों को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि न तो राज्य व केंद्र चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी लागू करने के पक्ष में हैं और न ही बंद चाय बागानों को खुलवाने के पक्षधर हैं. दोनों ही सरकांरे केवल मालिक पक्ष के होकर एकतरफा निर्णय लेने का साजिश रचने की फिराक में है.
उन्होंने कहा कि श्रमिकों के हित में सीटू हमेशा लड़ाई लड़ते रहा है और भविष्य में भी आवाज बुलंद करते रहेगा. सम्मेलन को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव मंडली के सदस्य सह सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने सभी सेक्टरों के श्रमिकों के हित में आवाज बुलंद करने के लिए कॉमरेडों को एकबार फिर एकजुट होने और कमर कसने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य की श्रम विरोधी नीतियों के विरुद्ध सीटू लगातार आंदोलन करती रहेगी. सम्मेलन के पहले दिन सीटू के दार्जिलिंग जिला इकाई के सचिव सह माकपा से पूर्व राज्यसभा सांसद समन पाठक उर्फ सूरज,अजीत सरकार, गौतम चौधरी, सुबन चटर्जी व अन्य वरिष्ठ श्रमिक नेताओं ने भी शिरकत किया. साथ ही सम्मेलन में सबों ने अपना-अपना वक्तव्य भी रखा.