कोलकाता. चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए गरियाहाट के निकट ढाकुरिया के एक अस्पताल में गुस्साये लोगों ने वहां जमकर तोड़फोड़ की. घटना मंगलवार त 10.30 बजे की है. इस घटना में लेक थाने की पुलिस ने मोहम्मद लालू, दिलनवाज खान, नशीरुल्लाह खान और गौरव कुमार सिंह नामक चार लोगों को गिरफ्तार किया है. […]
कोलकाता. चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए गरियाहाट के निकट ढाकुरिया के एक अस्पताल में गुस्साये लोगों ने वहां जमकर तोड़फोड़ की. घटना मंगलवार त 10.30 बजे की है. इस घटना में लेक थाने की पुलिस ने मोहम्मद लालू, दिलनवाज खान, नशीरुल्लाह खान और गौरव कुमार सिंह नामक चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
क्या है मामला : : जानकारी के मुताबिक गरफा इलाके के शहीद नगर की रहनेवाली गुलनार खान (16) नामक एक किशोरी को डेंगू से पीड़ित हालत में 27 सितंबर को अस्पताल में भरती किया गया था. चिकित्सा के दौरान तीन अक्तूबर की रात 9.40 बजे उसकी मौत हो गयी. इसके बाद गुस्साये लोगों ने चिकित्सा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पूरे अस्पताल परिसर में जमकर तोड़फोड़ की. फूलों के गमले भी तोड़ दिये गये. यही नहीं, अस्पताल के आइसीयू में भी तोड़फोड़ की गयी.
हैरानी की बात तो यह थी कि पूरी घटना शुरुआत में पुलिस के सामने घटी, लेकिन कोई भी पुलिसकर्मी इसे रोकने को आगे नहीं अाया. बाद में लेक थाने की पुलिस ने भारी संख्या में फोर्स के साथ वहां पहुंचकर स्थिति को सामान्य किया. इस घटना पर मरीज के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन के तरफ से उनसे लगातार रुपये जमा करने को कहा जा रहा था. रुपये नहीं देने पर चिकित्सा बंद करने की धमकी मिल रही थी. उन्हें यकीन है कि रुपये के कारण ही इलाज में लापरवाही बरती गयी, जिसके कारण गुलनार की मौत हो गयी.
वहीं, इस घटना पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जब किशोरी को अस्पताल लाया गया, उसके बाद से उसकी हर संभव बेहतर चिकित्सा की गयी. इलाज में कोई भी लापरवाही नहीं बरती गयी. इसके पहले दशमी के दिन भी मरीज के परिजनों द्वारा अस्पताल में हंगामा किया गया था. एक महिला चिकित्सक के साथ बदसलूकी की गयी थी. इसे लेकर स्थानीय थाने में एक जनरल डायरी भी दर्ज करायी गयी है.
मंगलवार शाम से ही गुलनार के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. रात को मल्टीआर्गेन फेलियर होने के कारण उसकी मौत हुई. इस खबर के बाद फिर से बाउंसर व बाहरी लोगों को अस्पताल में लाकर भारी तोड़फोड़ की गयी. रुपये की कमी के कारण चिकित्सा में लापरवाही के आरोप पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जब मरीज को भरती किया गया, उस समय सिर्फ 10 हजार रुपये जमा कराया गया. लेकिन गुलनार की चिकित्सा में छह लाख रुपये का अस्पताल का बिल बकाया हो गया. फिर भी उसकी चिकित्सा में कोई कमी नहीं की गयी. बुधवार को उसके शव को बिना कोई रुपये लिये परिजनों को सौंप दिया गया. इसके कारण रुपये का आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है.
वहीं, इस मामले में लेक थाने की पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें से मोहम्मद लालू को जमानत मिल गयी, बाकी तीन लोगों को छह अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है. दोनों पक्ष द्वारा थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.