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सिलीगुड़ी: दुर्गापूजा आयोजन में खूब उड़ीं नियमों की धज्जियां, सीसीटीवी कैमरे लगे, पर फुटेज की मॉनिटरिंग नहीं

सिलीगुड़ी. विजयादशमी के साथ इस वर्ष का दुर्गोत्सव संपन्न हो गया. सिलीगुड़ी शहर में भी बड़े ही धूमधाम के साथ दुर्गापूजा हुई. शहर व आसपास के इलाकों में कई बिग बजटवाली पूजा कमिटियों ने आकर्षक आयोजन किया था. राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में विश्वबांग्ला शारद सम्मान पुरस्कार भी दिया गया. लेकिन आयोजकों […]

सिलीगुड़ी. विजयादशमी के साथ इस वर्ष का दुर्गोत्सव संपन्न हो गया. सिलीगुड़ी शहर में भी बड़े ही धूमधाम के साथ दुर्गापूजा हुई. शहर व आसपास के इलाकों में कई बिग बजटवाली पूजा कमिटियों ने आकर्षक आयोजन किया था. राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में विश्वबांग्ला शारद सम्मान पुरस्कार भी दिया गया. लेकिन आयोजकों का सुरक्षा व्यवस्था के साथ फिर वही लापरवाही भरा अंदाज नजर आया. सुरक्षा में लापरवाही बरतनेवालों की रिपोर्ट सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट तक पहुंची है. अगली बार से इन सभी बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया गया है.


चार दिन के इस पूजोत्सव के लिए करीब तीन महीने पहले से ही तैयारियां शुरू की जाती हैं. बिग बजट पूजा आयोजकों को मंडप तैयार करने में ही 60 से अधिक दिन का समय लगता है. पूजा के चार दिन में लाखों लोग पंडालों का भ्रमण करते हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस- प्रशासन मुस्तैद रहा, लेकिन पूजा आयोजक बड़ी चालाकी से प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर दर्शनार्थियों की सुरक्षा से समझौता करते रहे. प्रत्येक पूजा आयोजन के पहले प्रशासन व नगर निगम से अनुमति लेना आवश्यक है. सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कई मानदंड तैयार कर रखे हैं. लेकिन इन मानदंडो का पालन नहीं हुआ.

मानदंड के अनुसार पंडालों में नारियल की रस्सी का उपयोग किया जाना अनिवार्य है. लेकिन इस बार भी अधिकांश दुर्गापूजा पंडालों में नारियल की रस्सी के स्थान पर रेशमी कपड़ों का उपयोग किया गया. रेशमी कपड़े के मुकाबले नारियल के रेशों से बनी रस्सी काफी मजबूत होती है, लेकिन एक-दो पंडालों में उपयोग के बाद रस्सी खराब हो जाती है. वहीं रेशमी कपड़ों के टुकड़ों से बनी रस्सी का कई बार उपयोग किया जाता है.

इस बार दुर्गापूजा में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की ओर से सभी बिग बजट वाले पूजा पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया था. पूजा परिक्रमा के दौरान पूजा पंडालों में फर्स्ट-एड बॉक्स व सीसीटीवी कैमरे की उचित व्यवस्था देखने को नहीं मिली. कई पंडालों में फर्स्ट-एड बॉक्स के नाम पर खाली डिब्बा रखा हुआ था. पंडालों में सीसीटीवी कैमरे तो लगे थे, लेकिन उनकी मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी. पूजा आयोजन में आग से मुकाबले के लिए पर्याप्त साधनों का अभाव दिखा.इस संबंध में पुलिस कमिश्नरेट के एक अधिकारी ने बताया कि इन सभी त्रुटियों की रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा दी गयी है.
उन्होंने स्वयं भी पूजा पंडालो का निरीक्षण किया है. इन विषयों पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पंडालों में सीसीटीवी लगाने का चलन नहीं था, इसे शुरू कराया गया है. कई बड़े पंडालों में मॉनिटरिंग की व्यवस्था थी. छोटे पंडालों में सुरक्षा व्यवस्था का थोड़ा अभाव रहा. आयोजक मंडलियों के साथ मिलकर इसे भी सुधार लिया जायेगा. आयोजन की अन्य त्रुटियों पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

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