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डीएसए से कृष्णेंदु का प्रभाव हटाने की मुहिम

मालदा: जिला क्रीड़ा संस्था यानी डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑथारिटी (डीएसए) से पूर्व मंत्री कृष्णेंदु नारायण चौधरी के दबदबे को कम करने के लिए विरोधी गुट ने राजनीति शुरू कर दी है. कृष्णेंदु नारायण चौधरी के भाई व डीएसए के सचिव शुभेंदु चौधरी उर्फ गोपाल को इस पद से हटाने के लिए विरोधी गुट ने सक्रियता बढ़ा […]

मालदा: जिला क्रीड़ा संस्था यानी डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑथारिटी (डीएसए) से पूर्व मंत्री कृष्णेंदु नारायण चौधरी के दबदबे को कम करने के लिए विरोधी गुट ने राजनीति शुरू कर दी है. कृष्णेंदु नारायण चौधरी के भाई व डीएसए के सचिव शुभेंदु चौधरी उर्फ गोपाल को इस पद से हटाने के लिए विरोधी गुट ने सक्रियता बढ़ा दी है.

शुभेंदु चौधरी पर दबाव बढ़ाने के लिए युवा तृणमूल नेता व डीएसए के कोषाध्यक्ष शांतुन साहा, कार्यकारी काउंसिल के सदस्य व इंगलिशबाजार नगरपालिका के तृणमूल पार्षद सुब्रत सरदार, तृणमूल नेता देवप्रिय साहा समेत सात सदस्य पदत्याग कर चुके हैं. साथ ही डीएसए के अध्यक्ष व जिलाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य के साथ मुलाकात कर शुभेंदु चौधरी के विरुद्ध कई शिकायतें पेश की हैं.

जिला क्रीड़ा संस्था के सूत्रों के मुताबिक वर्तमान कमेटी की अवधि 2017 के 31 मार्च को समाप्त हो चुकी है. 15 अप्रैल के अंदर आमसभा के जरिए नई कमेटी बनने की बात थी, लेकिन अब तक यह नहीं हुआ. विरोधी गुट का सवाल है कि 15 अप्रैल से 15 अक्टूबर तक वैधता के बिना ही डीएसए पर शुभेंदु व कृष्णेंदु नारायण चौधरी अपना प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस अवधि में ऑडिट को लेकर विरोधी गुट ने सवाल उठाया है.

पदत्याग करने वाले सदस्यों की शिकायत है कि शुभेंदु चौधरी के समय में खेलकूद का माहौल नष्ट हुआ है. सदस्य मैदान की तरफ मुखातिब होने से कतरा रहे हैं. इस का फायदा उठाते हुए क्रीड़ा संस्था में काफी वित्तीय अव्यवस्था है. जिलाधिकारी को पदत्याग पत्र जमा देकर नाराज सदस्यों ने बताया कि जिस तरह से मालदा जिला क्रीड़ा संस्था चल रही है इससे हम आहत हैं. इस संस्था के अनेक आजीवन सदस्य अपने आपको मैदान से हटा लिए हैं. शांतनु साहा ने बताया कि इस तरह से काम चलाना संभव नहीं हो रहा था. इसलिए हट गया. मैं इस जिला क्रीड़ा संस्था का कोषाध्यक्ष था, लेकिन जो अनियमितताएं चल रही है उसके साथ सामंजस्य बिठाना मुश्किल था. इसलिए पदत्याग किया. देवप्रिय साहा का आरोप है कि जिला क्रीड़ा संस्था के निर्धारित ऑडिटर एक्जिक्यूटिव काउंसिल को अंधेरे में रखकर बदलाव किया गया. इसके अलावा जगमोहन डालमिया के नामांकित इनडोर कवर कोर्ट बनाने के लिए 12 लाख रुपये आवंटित किये गये थे. इस राशि के खर्च की जांच की जानी चाहिए. सुब्रत सरदार ने बताया कि डीएसए में जो अव्यवस्था चल रही है उससे मैं दु:खी हूं.

कृष्णेंदु नारायण चौधरी ने कहा कि कहीं कोई अनियमतिता नहीं हुई. सबकुछ मनगढ़ंत है. दरअसल डीएसए ठीकठाक चलने से कुछ लोगों को दिक्कत हो रही थी. आरोप बेबुनियाद है.

शुभेंदु चौधरी ने बताया कि जिलाधिकारी इस संस्था के प्रमुख है. कहीं कोई गड़बड़ी होने पर वह खुद कहते. इस तरह से सवाल का जबाव नहीं दूंगा. 18 अक्टबर को आम सभा की बैठक में नये कार्यकर्ताओं का चुनाव होगा. उसी समय सबकुछ स्पष्ट हेा जाएगा.

जिलाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य ने बताया कि डीएसए के कई कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा सौंपा है. इनलोगों की कुछ शिकायतें हैं, इसकी जांच की जाएगी. पूजा के बाद इस संबंध में जो निर्णय लेना है लिया जाएगा.

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