सिलीगुड़ी. अलग राज्य गोरखालैंड आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में होनी वाली तीसरी बैठक का गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने बहिष्कार कर दिया है. साथ ही गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) में जीएनएलएफ प्रमुख मन घीसिंग का नाम शामिल किये जाने को लेकर पार्टी ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. राज्य […]
सिलीगुड़ी. अलग राज्य गोरखालैंड आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में होनी वाली तीसरी बैठक का गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने बहिष्कार कर दिया है. साथ ही गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) में जीएनएलएफ प्रमुख मन घीसिंग का नाम शामिल किये जाने को लेकर पार्टी ने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. राज्य सरकार के इस फैसले से पूरी पार्टी नाराज है. इसके साथ ही विनय तमांग के नेतृत्व में जीटीए को फिर से पुनर्वजीवित कर गोरखालैंड आंदोलन को छिन्न-भिन्न करने की योजना फेल साबित होने के कगार पर है.
उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार को ही राज्य सरकार ने जीटीए को पुर्नगठित किया है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) से बहिष्कृत नेता विनय तमांग को बोर्ड का चेयरमैन, दूसरे बहिष्कृत नेता अनित थापा को वाइस चेयरमैन और जीएनएलएफ प्रमुख मन घीसिंग को सचिव बनाने की घोषणा की है.
इसकी घोषणा होते ही जीएनएलएफ पार्टी में खलबली मच गयी. इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के लिए मन घीसिंग ने गुरूवार को सिलीगुड़ी के मल्लागुड़ी स्थित एक होटल में आपातकालीन बैठक बुलायी. इस बैठक में उन्होंने पार्टी के अन्य सदस्यों व कार्यकर्ताओं के समक्ष पूरे मामले को साफ कर दिया. मन घीसिंग ने जीटीए में शामिल होने से साफ इनकार करते हुए राज्य सरकार का विरोध किया है.
तीन महीना पहले भाषाई विवाद से अलग राज्य गोरखालैंड आंदोलन की शुरूआत में ही गोजमुमो प्रमुख विमल गुरूंग सहित अन्य ने जीटीए से इस्तीफा दे दिया था. पिछले तीन महीने से जीटीए का संचालन ठप है. अलग राज्य की मांग पर पहाड़ पर अभी भी बेमियादी बंद जारी है. इस दौरान विमल गुरूंग, विनय तमांग, अनित थापा आदि के नेतृत्व में आंदोलनकारियों ने पहाड़ पर स्थित जीटीए के सभी कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया. जिसमें सभी दस्तावेज स्वाहा हो गए.
विमल गुरूंग ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित विनय तामंग और अनित थापा पर गोरखाओं के अस्तित्व की लड़ाई के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. इधर, मन घीसिंग ने 16 अक्टूबर को राज्य सचिवालय नवान्न में होने वाली बैठक के बहिष्कार की घोषणा की है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर मन घीसिंग ने बताया कि जीटीए गठन के पहले दिन से वह इसका विरोध कर रहे हैं. जीएनएलएफ ने जीटीए को गैरकानूनी बताते हुए हाइ कोर्ट में मुकदमा भी किया है.