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रहस्यमय: सिलीगुड़ी में जब्त सर्प विष के मामले ने उड़ायी वन विभाग की नींद, नहीं खुल रहा जार, भाभा रिसर्च सेंटर की ली जा रही सहायता

सिलीगुड़ी: सांप विष तस्करी का मामला एक नया मोड़ ले रहा है. जार में सांप के जहर के बदले रेडियोधर्मी न्यूक्लियर या उच्च क्षमता वाले विस्फोटक होने की आशंका जतायी गयी है. उसके बाद से ही वन विभाग की नींद उड़ी हुई है. इसके अलावा पूरे राज्य में भी खलबली मची हुई है. कुछ महीनों […]

सिलीगुड़ी: सांप विष तस्करी का मामला एक नया मोड़ ले रहा है. जार में सांप के जहर के बदले रेडियोधर्मी न्यूक्लियर या उच्च क्षमता वाले विस्फोटक होने की आशंका जतायी गयी है. उसके बाद से ही वन विभाग की नींद उड़ी हुई है. इसके अलावा पूरे राज्य में भी खलबली मची हुई है. कुछ महीनों में सिलीगुड़ी सहित पूरे राज्य में सांप के जहर से भरे कुल 21 जार जब्त किये गये हैं.

इनमें से 19 जार को उसमें भरे पदार्थ की जांच के लिए हॉफकिन प्रशिक्षण संशोधन व चाचणी संस्था मुंबई भेजा गया था. हॉफकिन इंस्टीच्यूट ने इसमें रेडियोधर्मी न्यूक्लियर व उच्च क्षमता के विस्फोटक होने की आशंका जतायी है. जार को खोलने के लिए भाभा एटॉनोमिक रिसर्च सेंटर की भी सहयात ली गयी है. फिर भी उसकी जांच नहीं हो पायी है. इस जार को खोलने के लिए एक विशेष प्रकार की लेजर गन की आवश्यकता है.


उल्लेखनीय है कि पिछले करीब एक वर्षों में सिलीगुड़ी सहित पश्चिम बंगाल में विषैले सांप जहर के कुल 21 जार जब्त किये गये हैं. दो दिन पहले कोलकाता शहर के पास से भी सांप विष के तीन जार सहित दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले उत्तर बंगाल में सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने 4, कस्टम विभाग ने 3 व मालदा वन विभाग ने सांप जहर के 2 जार बरामद किये थे. इन अभियानों में तस्करों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी, जबकि वैकुंठपुर वन विभाग के वेलाकोबा रेंज ने कुल 11 जार जब्त किये हैं. वेलाकोबा के रेंजर संजय दत्त के नेतृत्व में चलाये गए इन अभियानों में दो पिस्तौल, प्रोफाइल बुक सहित कुल 26 तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया था. सांप जहर तस्करी गिरोह में शामिल दक्षिण दिनाजपुर जिले के कई सरकारी शिक्षकों की भी गिरफ्तारी हुयी थी. इसके अतिरिक्त इस मामले में कुछ बड़ी सख्शियतों के भी शामिल होने का अंदेशा है. सांप विष तस्करी में राज्य के कुछ बड़े व्यवसायी, सीमांत इलाकों में रहने वाले कुछ बड़ी हस्तियों के नाम भी खुल कर सामने आये हैं.

वाइल्ड लाइफ ब्यूरो इसकी जांच कर रही है. अभियान में जब्त सांप विष के जार को अदालत में पेश किया गया. अदालत ने इन जार व जहरों की सत्यता प्रमाणित करने का निर्देश दिया. अदालत के निर्देशानुसार जहर की जांच के लिए जार को मुम्बई स्थित हॉफकिन प्रशिक्षण संशोधन व चाचणी संस्था भेजा गया था. जहां अब तक उसकी जांच नहीं हो पायी है. हॉफकिन इंस्टीच्यूट सांप विष से भरों जारों को खोल नहीं पा रही है. वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जार पूरी तरह से सील है. उसे आसानी से खोला नहीं जा सकता है. हॉफकिन इंस्टीच्यूट के विशेषज्ञ जार सावधानी से खोलने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन असमर्थ रहे. इसे खोलने के लिए एक विशेष प्रकार की लेजर गन की आवश्यकता है.


इंस्टीच्यूट के विशेषज्ञ जार के भीतर रेडियोधर्मी न्यूक्लियर व उच्च क्षमता वाले विस्फोटक होने की भी संभावना जता रहे हैं. जार खोलने के दौरान जरा भी चुक से कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इसके लिए बिहार के दरभंगा स्थित भाभा एटानॉमिक रिसर्च सेंटर की सहायता मांगी गयी . भाभा इंस्टीच्यूट के विशेषज्ञ भी इसकी जांच कर चुके हैं. मुम्बई पुलिस की डॉग व बम निरोधक दस्ते ने भी जार की जांच की है.
हॉफकिन इंस्टीच्यूट भी खोलने में फेल, विशेष प्रकार के गन की आवश्यकता
पिस्तौल की भी हो रही जांच
वहीं दूसरी तरफ वेलाकोबा रेंज द्वारा जब्त दो पिस्तौल फ्रांस के रेड ड्रैगन कंपनी द्वारा निर्मित होने की संभावना जतायी गयी है. लेकिन हॉफकिन इंस्टीच्यूट इस तरह के किसी भी पिस्तौल निर्माणकारी कंपनी का पता नहीं लगा पायी है.
बुलेटप्रूफ बेल्जियम कांच का जार
इंस्टीच्यूट के विशेषज्ञों का कहना है कि यह जार बुलेटप्रूफ बेल्जियम कांच का जार है. इसमें रेडियोधर्मी न्यूक्लियर या उच्च क्षमता वाले विस्फोटक हो सकते हैं. जार को काफी उन्नत तकनीक के साथ पूरी तरह से सील किया गया है. जार को बड़ी ही सावधानी के साथ खोला जाना आवश्यक है.

क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में उत्तर बंगाल के प्रधान मुख्य वनपाल एमआर बालोच ने बताया कि सांप के जहर वाले जारों को जांच के लिए हॉफकिन इंस्टीच्यूट भेजा गया है. इंस्टीच्यूट में उसकी जांच हो रही है. वैकुंठपुर वन विभाग की डीएफओ उमा रानी ने बताया कि जांच में अभी कुछ दिन और लगेंगे.

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