सिलीगुड़ी. कार्यक्रम आयोजन के लिये प्रशासन की अनुमति दिलाने के नाम पर निजी संस्था से मोटी रकम घूस लेने के मामले में पुलिस ने आरोपी सिविक वोलेन्टियर के साथी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी सिविक वोलेन्टियर टुबाई चक्रवर्ती के साथी का नाम देवब्रत हलदार उर्फ मुन्ना बताया गया है. दोनों ने संस्था से रुपये […]
सिलीगुड़ी. कार्यक्रम आयोजन के लिये प्रशासन की अनुमति दिलाने के नाम पर निजी संस्था से मोटी रकम घूस लेने के मामले में पुलिस ने आरोपी सिविक वोलेन्टियर के साथी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी सिविक वोलेन्टियर टुबाई चक्रवर्ती के साथी का नाम देवब्रत हलदार उर्फ मुन्ना बताया गया है. दोनों ने संस्था से रुपये ऐंठने का प्लान बनाया था. कार्यक्रम आयोजन की प्रशासनिक अनुमति ना मिलने पर मुन्ना ने हीसंस्था के लोगों को टुबाई से मिलवाया था. इधर पुलिस ने घूस लेन-देन के इस मामले को धोखाधड़ी में बदल कर दिया है.
गौरतलब है कि बीते शनिवार व रविवार को एक निजी संस्था सिलीगुड़ी इनडोर स्टेडियम में एक कार्यक्रम आयोजित करा रही थी. आयोजन के लिये दमकल व बिजली विभाग से संस्था को अनुमति मिल गयी थी. लेकिन किसी कारणवश पुलिस प्रशासन से अनुमति के लिये आवेदन देने संस्था को देर हो गयी. संस्था के पदाधिकारी कार्यक्रम से एक दिन पहले शुक्रवार को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस प्रशासन से अनुमति लेने के लिये डिप्टी पुलिस कमिश्नर सुनीय यादव के कार्यालय पहुंचे. लेकिन कार्यक्रम के लिये संस्था को प्रशासन से अनुमति नहीं मिली.
नियमानुसार कार्यक्रम के कम से कम 48 घंटे पहले आवेदन देना आवश्यक है. इसके बाद मुन्ना ने टुबाई से संस्था की सेंटिग करायी. अनुमति दिलाने के लिये टुबाई ने संस्था से 70 हजार रुपये की मांग की. संस्था ने एडवांस के तौर पर टुबाई को कुछ रुपया थमाया था. लेकिन अंत तक अनुमति ना मिलने पर संस्था ने टुबाई के खिलाफ सिलीगुड़ी थाने में शिकायत दर्ज करायी. शिकायत मिलते ही पुलिस ने टुबाई को तीन दिन की पुलिस हिरासत में लिया. तीन दिन के भीतर पुलिस ने टुबाई के साथी मुन्ना को भी गिरफ्तार कर लिया.
घूस लेना और देना दोनों कानूनन जुर्म है. इस आधार पर अनुमति के लिये टुबाई को 70 हजार रुपये घूस देने वाली संस्था के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन घूस लेनदेन के इस मामले को अब पुलिस धोखाधड़ी का मामला बता रही है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिविक वोलेन्टियर टुबाई और संस्था के बीच घूस का लेनदेन नहीं हुआ था. बल्कि टुबाई ने संस्था के साथ चीटिंग की. अनुमति ना मिलने पर मुन्ना ने संस्था के लोगों को सिविक वोलेन्टियर टुबाई चक्रवर्ती से मिलवाया. फिर टुबाई ने संस्था को समझाया कि अनुमति के लिए रुपया देना होता है. काम निकलवाने के लिये संस्था भी तुरंत राजी हो गयी.
संस्था के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रश्न पर पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घूस लेन-देन का नहीं बल्कि धोखाधड़ी का मामला है. टुबाई व उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जायेगी.