सिलीगुड़ी. गोरखालैंड की मांग पर पहाड़ की हालत बिगड़ती जा रही है. गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) प्रमुख विमल गुरुंग के कथनानुसार ही पहाड़ की स्थिति हर पल बद से बदतर हो रही है. हालत यह है कि पहाड़ पर तृणमूल नेता और समर्थक डर के मारे अपना घर बार छोड़कर सिलीगुड़ी आ रहे हैं. डर […]
सिलीगुड़ी. गोरखालैंड की मांग पर पहाड़ की हालत बिगड़ती जा रही है. गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) प्रमुख विमल गुरुंग के कथनानुसार ही पहाड़ की स्थिति हर पल बद से बदतर हो रही है. हालत यह है कि पहाड़ पर तृणमूल नेता और समर्थक डर के मारे अपना घर बार छोड़कर सिलीगुड़ी आ रहे हैं.
डर का आलम यह है कि हिल तृणमूल के नेता व सदस्य पहाड़ छोड़कर मंत्री गौतम देव की शरण में पहुंचने लगे हैं. गोजमुमो के डर से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकाता कर वापस लौटे विभिन्न विकास बोर्ड के चेयरमैन भी पहाड़ चढ़ने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं. इन सभी लोगों ने सिलीगुड़ी में डेरा डाल दिया है.
उल्लेखनीय है कि बांग्ला भाषा को लेकर सुलगा विवाद अब चरम पर है. पूरे राज्य में बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद गोजमुमो ने पहाड़ पर आंदोलन शुरु कर दिया. इसके साथ ही पहाड़ पर फिर से अलग राज्य गोरखालैंड की आग को भी भड़का दिया है. स्थिति अब इतनी भयावह हो गयी है कि गोरखालैंड आंदोलन का समर्थन नहीं करने वालों का पहाड़ पर रहना मुश्किल हो गया है. गोजमुमो के दवाब में आकर हिल तृणमूल के कई दिग्गजों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
दूसरी तरफ सुरक्षा के अभाव में हिल तृणमूल के शीर्ष नेता और समर्थक सिलीगुड़ी पहुंच कर पर्यटनमंत्री व दार्जीलिंग जिलाध्यक्ष गौतम देव की शरण में हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गोजमुमो नेता पहाड़ पर विरोधियों को नहीं रहने देना चाहते. विरोधियों को पहाड़ छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया गया है. साथ ही राज्य सरकार द्वारा गठित कुल 15 विकास बोर्ड के चेयरमैन और अन्य पदाधिकारियों को भी इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. उसके बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर लौटे 15 विकास बोर्ड के चेयरमैन भी पहाड़ जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. सभी सिलीगुड़ी के सरकारी गेस्ट हाउस में रुके हैं. इधर,हिल तृणमूल के अध्यक्ष राजेन मुखिया सहित कुल 25 लोगों ने सिलीगुड़ी के अग्रसेन भवन में शरण लिया है. इसके अतिरिक्त और भी लोग पहाड़ छोड़कर सिलीगुड़ी की ओर रवाना हो चुके हैं. गोजमुमो और राज्य सरकार की लड़ाई में तृणमूल समर्थकों के सामने तत्काल पहाड़ छोड़ने की स्थिति पैदा हो गयी है. पहाड़ छोड़कर पलायन करने वालों को शरण देने के लिये राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी सहित समतल के विभिन्न इलाकों में शिविर लगाना शुरू कर दिया है.
मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी
सोमवार सुबह मंत्री गौतम देव अग्रसेन भवन पहुंचे. श्री देव ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व गणतांत्रिक आंदोलन के नाम पर पहाड़ की शांति कर रहे हैं. पहाड़ पर आंतकी गतिविधि बढ़ गयी है. गोजमुमो द्वारा विरोधियों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. जानलेवा हमले भी किये जा रहे हैं. कई लोगों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया है. इन बेसहारा लोगों के लिये सिलीगुड़ी में राहत शिविर बनाया गया है. गोजमुमो पर पलटवार करते हुए श्री देव ने कहा कि गोरखा जाति के लिये अलग गोरखालैंड की मांग करने वाले गोरखा भाईयों पर ही हमले कर रहे हैं. उनके घरों में आग लगा रहे हैं. उनको पहाड़ के भागने के लिये मजबूर कर रहे हैं. इस तरह की गुंडागर्दी और बरदाश्त नहीं की जा सकती. पहाड़ की शांति के लिये गुंडागर्दी छोड़कर गणतांत्रिक तरीके से बातचीत के लिए तैयार होना होगा.