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निरंकारी बाल संत समागम का आयोजन आज

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी में संत निरंकारी मंडल द्वारा निरंकारी बाल संत समागम का आयोजन किया जा रहा है. यह जानकारी संगठन के प्रेस सेवादार मनोज शर्मा ने दी है. उन्होंने कहा कि इस सत्संग के लिए आवश्यक सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. माटीगाड़ा के निकट खपरैल मोड़ स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में इसका […]

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी में संत निरंकारी मंडल द्वारा निरंकारी बाल संत समागम का आयोजन किया जा रहा है. यह जानकारी संगठन के प्रेस सेवादार मनोज शर्मा ने दी है. उन्होंने कहा कि इस सत्संग के लिए आवश्यक सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. माटीगाड़ा के निकट खपरैल मोड़ स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में इसका आयोजन किया जायेगा. सिलीगुड़ी के अलावा गंगतोक, एनजेपी, बागडोगरा, नक्सलबाड़ी आदि इलाकों से श्रद्धालु इसमें उपस्थित होंगे. बच्चे इस समागम में गीत, कविता आदि का पाठ करेंगे.

नाटक तथा क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है. असम के एचपी अग्रवाल इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के जोनल इंचार्ज केएम छेत्री करेंगे. श्री शर्मा ने आगे कहा कि संत निरंकारी मिशन प्रसिद्ध आध्यात्मिक संस्था है, जिसे यूनिवर्सल ब्रदरहुड मिशन के नाम से भी जाना जाता है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. यह कोई नया धर्म या पंथ नहीं, बल्कि जात-पात, वर्ग और वर्ण विभेद से परे समाज के सभी मनुष्यों को साथ लेकर चलने वाला एक आध्यात्मिक अभियान है, जिसका उद्देश्य मानव मात्र का कल्याण है.

उन्होंने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी का जन्म दिल्ली में हुआ. बाबा संत निरंकारी मिशन के प्रमुख थे. देश-दुनिया में उनको मानने वालों की संख्या करोड़ों में है. उन्हें बाबा भोला के नाम से भी जाना जाता था. बाबा के अनुयायी न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में हैं. माला पब्लिक स्कूल, संत निरंकारी कालोनी, दिल्ली में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद बाबा ने 1963 में यादविंद्रा पब्लिक स्कूल, पटियाला में दाखिला लिया. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्ययन किया. 1971 में वह प्राथमिक सदस्य के रूप में निरंकारी सेवा दल में शामिल हुए. संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में बाबा बूटा सिंह ने रावलपिंडी (अब पाकिस्तान) में की थी.

श्री शर्मा ने कहा कि 1947 में बंटवारे के बाद मिशन का मुख्यालय दिल्ली में बनाया गया. वर्तमान में एक करोड़ से अधिक भक्त मिशन के सदस्य हैं. 23 फरवरी 1954 को जन्मे बाबा हरदेव सिंह जी 1980 से इस संस्था के प्रमुख थे. विदेशों में इस मिशन के सबसे अधिक अनुयायी ब्रिटेन, यूएसए, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में हैं. भारत में निरंकारी मिशन के सबसे अधिक अनुयायी पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हैं. वर्तमान में देश के हर प्रमुख शहर में इस संस्था के सत्संग भवन हैं.

उन्होंने आगे कहा कि संत निरंकारी मंडल की प्रमुख एवं निरंकारी सद्गुरू माता सविंदर हरदेव हैं. उन्होंने कहा है कि ईश्वर प्रदत्त अमूल्य मानव जीवन का परम लक्ष्य ब्रह्मानुभूति है. ब्रह्मज्ञान के उपरान्त मानव का आध्यात्मिक पहलू सुदृढ़ हो जाता है. जीवन के प्रत्येक पहलू में मानव ईश्वर को प्राथमिकता देने लगता है. लिहाजा, मानव को आध्यात्मिक जागृति प्रदान करना ही निरंकारी मिशन का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिकता का मिशन है. ब्रह्मज्ञान का मिशन है. ब्रह्मज्ञान के द्वारा हमें समझाया गया है कि कण-कण में, सर्वत्र निरंकार प्रभु व्याप्त हैं.

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