कोलकाता: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि चिटफंड के खिलाफ नया विधेयक ममता बनर्जी सरकार की सारदा ग्रुप को इस स्थिति से उबारने के लिए कुछ वक्त जुटा लेने की बस चाल है. दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस ने इसका खंडन किया है.
माकपा के प्रदेश सचिव बिमान बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वर्तमान सरकार कंपनी को उबारना चाहती है और ऐसे में पिछली वाम मोर्चा सरकार के दौरान वर्ष 2009 के विधेयक पर राष्ट्रपति की मंजूरी हासिल करने के बजाय वह नये विधेयक पर आगे बढ़ रही है जो बस समय की बर्बादी है.’’ बोस ने कहा कि इस विधेयक का वही हश्र होगा जो सिंगूर विधेयक का हुआ.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वाम मोर्चा इस विधेयक का समर्थन करेगा, माकपा नेता ने कहा, ‘‘सवाल हमारे समर्थन करने या विरोध करने का नहीं है. वाम मोर्चा विधायक दल बैठक करेगा और :इस विषय पर: निर्णय लेगा. ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की सारदा ग्रुप के साथ साठगांठ है. उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकतीं. ’’ बोस का प्रतिवाद करते हुए उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने पिछली वाम मोर्चा सरकार पर आरोप लगाया कि 2003 में उसके संज्ञान में चिटफंड संबंधी बातें आने के बाद भी उसने उन्हें फलने फूलने दिया.