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स्कूलों की यथास्थिति भी समझे सरकार

कोलकाता. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 31 मई को निजी स्कूल के मालिकों व स्टेक होल्डरों के साथ फीस को लेकर एक बैठक करेंगी. इसी को लेकर स्कूल मालिकों व प्रबंधन के बीच एक लंबी बहस छिड़ गयी है. स्कूल चलानेवाले कुछ निदेशकों का मानना है कि फीस का ढांचा तैयार करने से पहले सरकार […]

कोलकाता. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 31 मई को निजी स्कूल के मालिकों व स्टेक होल्डरों के साथ फीस को लेकर एक बैठक करेंगी. इसी को लेकर स्कूल मालिकों व प्रबंधन के बीच एक लंबी बहस छिड़ गयी है. स्कूल चलानेवाले कुछ निदेशकों का मानना है कि फीस का ढांचा तैयार करने से पहले सरकार को स्कूल की जमीनी हकीकत को भी समझना होगा.

शहर के कई ऐसे नामी स्कूल हैं, जहां बच्चों का भविष्य संवरता है. उनको अपना स्तर बनाये रखने के लिए फीस अधिक लेनी ही पड़ती है. सरकार पहले उस इंफ्रास्ट्रक्चर का जायजा ले, तभी फीस को लेकर कोई अंतिम फैसला करे.

इस विषय में दक्षिण कोलकाता के एक निजी स्कूल के निदेशक का कहना है कि सरकार निजी स्कूल चलानेवाले हर स्टेक होल्डर की बात भी ठीक से सुनें व समझें, तभी इस बैठक का फायदा होगा. निजी स्कूलों का शिक्षा का मानदंड बनाये रखने के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. अतिरिक्त डोनेशन लेनेवाले स्कूलों पर नियंत्रण होना चाहिए लेकिन स्कूलों की रणनीति ठीक करने में ज्यादा राजनैतिक हस्तक्षेप से निजी स्कूल परेशानी में पड़ जायेंगे. एसोसिएशन ऑफ आइसीएससी स्कूल्स इन बंगाल एंड नॉर्थ इस्ट के सचिव नवारुण दे का कहना है कि स्कूल में फीस वाजिब होनी चाहिए, सरकार की यह सोच सही है. इस बैठक में सबको अपना पक्ष रखने का माैका मिलना चाहिए. निजी स्कूलों के दाखिले, छात्रों के प्रमोशन या शिक्षकों की भरती को लेकर अगर स्थानीय नेता कोई हस्तक्षेप करने लगे तो समस्या बढ़ जायेगी. अनुचित रूप से फीस या डोनेशन लेनेवाले स्कूलों पर निगरानी होनी चाहिए लेकिन दूसरी चीजें भी संतुलित होनी चाहिए. इस बैठक में सभी स्टेकहोल्डर्स, स्कूल के मालिक, अल्पसंख्यक स्कूल चलानेवाले क्रिश्चियन एसोसिएशन के प्रमुखों को शामिल रहने के लिए कहा गया है. आइसीएसइ, सीबीएसइ, आइबी व राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व उच्च माध्यिमक शिक्षा पर्षद से जुड़े निजी स्कूलों को पत्र, मेल व फोन से भी निमंत्रण दिया गया है. इस विषय में ऑक्सफर्ड हाइ स्कूल के रेक्टर एससी दूबे ने कहा कि फिजूल की फीस व डोनेशन लेनेवाले स्कूलों पर नकेल होनी चाहिए, सरकार की यह सोच सही है लेकिन इस चक्कर में निजी स्कूलों की स्वायतत्ता पर अंकुश नहीं लगना चाहिए. जो स्कूल क्वालिटी शिक्षा दे रहे हैं, वे बच्चों की फीस से ही सारे खर्चे निकालते हैं.

दोनों में संतुलन होना चाहिए. वहीं मिन्टो पार्क स्थित एक निजी स्कूल के मालिक ने कहा कि हम चाहते हैं कि हम अपने काम में पारदर्शिता बनाये रखें लेकिन सरकार का भी यह दायित्व है कि वे स्कूलों में राजनैतिक हस्तक्षेप को न बढ़ने दे. इस बैठक में डॉन बास्को, सेंट जेवियर्स, सेंट लॉरेंस, ऑक्जीलियम कॉन्वेंट, कलकत्ता ब्वॉयज व कलकत्ता गर्ल्स जैसे स्कूलों के भाग लेने की संभावना है. इस बैठक में क्रिश्चियन एसोसिएशन के अध्यक्ष थॉमस डिसूजा व उपाध्यक्ष अशोक विश्वास भी भाग लेंगे. शिक्षा विभाग की ओर से बैठक के लिए फी स्ट्रक्चर पर एक प्रश्नावली तैयार की गयी है. बैठक में तीन भाषाओं में से एक बंगला अनिवार्य रखने, एनओसी के रिन्यूअल के क्लॉज को लेकर भी बातचीत की जायेगी.

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