कोलकाता: ऐतिहासिक टीपू सुलतान मसजिद का संचालन करनेवाली प्रिंस गुलाम मोहम्मद वक्फ इस्टेट ने इमाम मौलाना नुरूर्रहमान बरकती को मसजिद के इमाम के पद से हटा दिया है. बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में वक्फ इस्टेट के ट्रस्टी आरिफ अहमद ने यह घोषणा की. श्री अहमद ने कहा कि मौलाना बरकती की गैरजिम्मेदाराना हरकतों व राष्ट्रविरोधी […]
कोलकाता: ऐतिहासिक टीपू सुलतान मसजिद का संचालन करनेवाली प्रिंस गुलाम मोहम्मद वक्फ इस्टेट ने इमाम मौलाना नुरूर्रहमान बरकती को मसजिद के इमाम के पद से हटा दिया है. बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में वक्फ इस्टेट के ट्रस्टी आरिफ अहमद ने यह घोषणा की. श्री अहमद ने कहा कि मौलाना बरकती की गैरजिम्मेदाराना हरकतों व राष्ट्रविरोधी बयानों और देश के कुछ नेताआें के खिलाफ दिये गये बयान के खिलाफ हम लोगों ने उन्हें इमाम के पद से हटाने का फैसला किया है.
उन्हें हटाने के लिए हम लाेगों ने नोटिस भेज दिया है. नोटिस के अनुसार अब वह टीपू सुलतान मसजिद के इमाम नहीं रहे. उन्हें जल्द से जल्द दफ्तर खाली करने के लिए भी कहा गया है. नये इमाम की नियुक्ति जल्द की जायेगी. नमाज पढ़नेवालों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसकी भी हम लोगों ने व्यवस्था कर दी है.
श्री अहमद ने कहा कि हमलोगों ने उनके राष्ट्र विरोधी बयानों के कारण उन्हें पद से हटाया है. हमें एक इमाम से ऐसी उम्मीद नहीं थी. वह एक धार्मिक व्यक्ति हैं आैर धार्मिक पद पर थे, पर उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि मौलाना बरकती को किसी प्रकार के राजनीतिक दबाव के कारण हटाया गया है. श्री अहमद ने कहा कि मौलाना बरकती हमारे राष्ट्रीय नेताआें का अपमान कर रहे थे आैर वह मसजिद का अपने राजनीतिक उद्देश्य व वित्तीय लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे थे. उन्हें पहले भी कई बार उनकी गतिविधियों के लिए चेतावनी दी गयी थी.
पर वह नहीं माने. लोगों को भड़काने के लिए दिये गये बयाने के लिए हाल ही में हमने उन्हें कारण बताआे नोटिस भी जारी किया था. मसजिद के मोतवल्ली अनवर अली शाह ने कहा कि किसी मसजिद में इमाम की नियुक्ति नमाज पढ़ाने के लिए होती है. इमाम कोई अनुवांशिक पद नहीं है. प्रिंस गुलाम मोहम्मद वक्फ इस्टेट ने मौलाना बरकती को इमाम नियुक्त किया था. इसके लिए उन्हें वेतन दिया जाता था. उनकी हरकतों से मुसलिमों को शर्मिंदा होना पड़ रहा है. उनके बयानों से मुसलिमों का कोई लेना-देना नहीं है.
मौलाना ने लगाया साजिश का आरोप
वहीं, मौलाना बरकती ने ट्रस्ट के आदेश को मानने से न सिर्फ इनकार कर दिया, बल्कि उन्होंने रोजाना की तरह नमाज भी पढ़ाई. उन्होंने दावा किया कि उन्हें कोई इस पद से नहीं हटा सकता है. बोर्ड का काम केवल मसजिद की देखभाल व रखरखाव करना है. यह कोई सरकारी काम नहीं है कि कोई किसी को पद से हटा दे. यह अल्लाह का घर है. यहां नमाज पढ़नेवाले ही केवल मुझे हटा सकते हैं. पर यहां नमाज पढ़नेवाले सभी लोग मेरे साथ हैं. मौलाना बरकती ने आरोप लगाया कि तृणमूल सांसद सुलतान अहमद, नदीमुल हक व राज्य के सर्वशिक्षा मंत्री सिदिकुल्ला चौधरी उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं. प्रिंस गुलाम मोहम्मद वक्फ इस्टेट के अंतर्गत अरबों की संपत्ति है. इस संपत्ति को हथियाने के लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. मुझ पर शारीरिक व मानसिक आक्रमण किये जा रहे हैं. मौलाना बरकती ने कहा कि उन्हें पाक समर्थक अपने बयान पर खेद है और वह अपनी तमाम बातों पर माफी मांगने को तैयार हैं. मौलाना बरकती ने कहा कि वह इन सब बातों की शिकायत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से करेंगे. मुख्यमंत्री अभी दिल्ली में हैं. उनके आने के बाद वह उनसे बात करेंगे. उन्होंने कहा कि एक समय मुसीबत की घड़ी में वह ममता बनर्जी के साथ थे. आज इस मुसीबत की घड़ी में ममता बनर्जी भी उनका साथ दे रही हैं.