हावड़ा. 12 मई को प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेयर डॉ रथीन चक्रवर्ती को सतर्क करते हुए शहर व एडेड वार्डों में पानी की किल्लत खत्म करने का निर्देश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा सतर्क करने के बावजूद नगर निगम चौकस नहीं हुआ. इसका ही नतीजा है कि पिछले तीन दिनों से मध्य […]
हावड़ा. 12 मई को प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेयर डॉ रथीन चक्रवर्ती को सतर्क करते हुए शहर व एडेड वार्डों में पानी की किल्लत खत्म करने का निर्देश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा सतर्क करने के बावजूद नगर निगम चौकस नहीं हुआ. इसका ही नतीजा है कि पिछले तीन दिनों से मध्य हावड़ा के अंतर्गत आनेवाले अधिकतर वार्डों में पेयजल आपूर्ति लगभग ठप है. इस उमस भरी गरमी में पेयजल आपूर्ति सामान्य नहीं होने पर शहरवासी पानी के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं.
बिना किसी सूचना के इन वार्डों में जलापूर्ति क्यों बंद की गयी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. हालांकि मंगलवार शाम से पानी मिलना शुरू हुआ है कि लेकिन पानी का प्रेशर कम होने से समस्या जस की तस बनी हुई है. तीन साल पहले लगभग इसी स्थिति के कारण पानी भरने को लेकर शिवपुर में एक युवक की हत्या कर दी गयी थी. दूसरी तरफ मेयर ने स्वीकारा है कि मध्य हावड़ा के अधिकतर वार्डों में पानी नहीं मिल रहा है.
शहर में गरमी के मौसम में पेयजल की किल्लत से रूबरू होना यहां के शहरवासियों के लिए नयी बात नहीं है. मध्य हावड़ा के अंतर्गत वार्ड संख्या 30, 31, 32, 34, 25, 26 और 36 सहित कई वार्डों में तीन दिनों से जलापूर्ति सामान्य नहीं है. शहरवासियों का आरोप है कि नगर निगम की ओर से पानी की टंकी भी मुहैया नहीं करायी गयी.
यह सही है कि मध्य हावड़ा के अधिकतर वार्डों में पेजयल आपूर्ति सामान्य नहीं है. ऐसा क्यों हुआ, इसके लिए एक हाइ पावर कमेटी गठित की गयी है. लोगों की नाराजगी सही है. आनेवाले दिनों में ऐसी परिस्थिति ना हो, इसके लिए नगर निगम पूरी तरह चौकस है.
डॉ रथीन चक्रवर्ती, मेयर
ताजुब्ब है कि बिना किसी सूचना के पानी बंद कर दिया गया. तीन दिनों से इस गरमी में जल की आपूर्ति नहीं हो रही है. ये कैसा नगर निगम है, जो शहरवासियों को पानी भी नहीं पिला सकता.
असरफ जावेद, पार्षद, वार्ड संख्या -31