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हुगली नदी के मध्य तक पहुंची ईस्ट-वेस्ट सुरंग

केएमआरसीएल के एमडी व पूर्व रेलवे के अपर महाप्रबंधक ने ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना का किया निरीक्षण 10.08 किलोमीटर लंबी ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना में 8.90 किलोमीटर जमीन के भीतर और 5.77 किलोमीटर रेल लाइन एलिवेटर पर टिकी होगी श्रीकांत शर्मा कोलकाता : कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) के एमडी और पूर्व रेलवे के अपर महाप्रबंधक […]

केएमआरसीएल के एमडी व पूर्व रेलवे के अपर महाप्रबंधक ने ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना का किया निरीक्षण
10.08 किलोमीटर लंबी ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना में 8.90 किलोमीटर जमीन के भीतर और 5.77 किलोमीटर रेल लाइन एलिवेटर पर टिकी होगी
श्रीकांत शर्मा
कोलकाता : कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) के एमडी और पूर्व रेलवे के अपर महाप्रबंधक सतीश कुमार ने शनिवार को ईस्ट-वेस्ट मेट्रो रेलवे परियोजना का निरीक्षण किया.
श्री कुमार ने हावड़ा मैदान से लेकर सॉल्टलेक सेक्टर-पांच तक परियोजना के पूरे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. शनिवार दोपहर वह सबसे पहले ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना के प्रथम स्टेशन हावड़ा मैदान पहुंचे. हावड़ा मैदान के मेट्रो स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने टनल में प्रवेश किया और गंगा नदी (हुगली) के नीचे भूमिगत सुरंग की जगह का निरीक्षण किया. उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से पूरी जानकारी ली. गौरतलब है कि कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) द्वारा ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना का निर्माण किया जा रहा है.
हावड़ा स्टेशन की तरफ से हुगली नदी में टनल बोरिंग मशीन (टीवीएम) को प्रवेश कराया गया है. हुगली नदी के तल से 219 मीटर नीचे बन रही दो सुरंगों का काम 1352 मीटर तक हुआ है. मेट्रो के अधिकारियों की मानें, तो रेल सुरंग हुगली नदी के नीचे मध्य तक पहुंच गयी है और मई के अंत में या फिर जून के प्रथम सप्ताह में दोनों सुरंगें नदी पार कर कोलकाता की तरफ प्रवेश कर जायेंगी. कोलकाता में प्रवेश करनेे के बाद सुरंग का पहला स्टेशन न्यू महाकरण मेट्रो स्टेशन होगा, जो राइर्ट्स बिल्डिंग के आपपास होगा.
10.08 किलोमीटर लंबी ईस्ट वेस्ट मेट्रो परियोजना में 8.90 किलोमीटर जमीन के भीतर, जबकि 5.77 किलोमीटर रेल लाइन एलिवेटर पर टिकी होगा. इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें हावड़ा मैदान, हावड़ा, न्यू महाकरण, एस्प्लानेड, सियालदह तथा फूलबागान स्टेशन जमीन के नीचे होंगे, जबकि सॉल्टलेक सेक्टर पांच, करुणामयी, सेंट्रल पार्क, सिटी सेंटर, बंगाल केमिकल और सॉल्टलेक स्टेडियम मेट्रो स्टेशन एलिवेटर पर होगा.हावड़ा मेट्रो स्टेशन की लंबाई 230 मीटर, जबकि इसकी चौड़ाई 32 मीटर होगी. इसमें दो निकास होंगे. मुख्य निकास 16 नंबर प्लेटफार्म के हावड़ा स्टेशन इंड के ठीक नीचे होगा. यहीं से यात्री मेट्रो में प्रवेश करेंगे.
यह निकास 100 मीटर लंबे व 8 मीटर चौड़े सबवे से जुड़ा होगा, जो सभी प्लेटफार्मों से लगा होगा. सबवे से यात्री स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट द्वारा प्लेटफार्मों पर जा सकेंगे. ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना इसलिए भी खास होगी, क्योंकि हावड़ा स्टेशन के बाद यह लाइन नदी के हुगली नदी के नीचे से गुजरते हुए महाकरण स्टेशन पर पहुंचेगी. इस परियोजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हुगली नदी में लगभग 16 मीटर पानी तथा 16 मीटर दलदल है.
हावड़ा ब्रिज के कारण विश्व में अपनी पहचान रखनेवाले हावड़ा शहर को अब पूरे साउथ एशिया का चौथा गहरा मेट्रो स्टेशन होने का श्रेय भी मिलने जा रहा है. हावड़ा स्टेशन के नीचे बन रहा हावड़ा मेट्रो स्टेशन कोई आम मेट्रो स्टेशन नहीं है, बल्कि यह पूरे साउथ एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा. यह मेट्रो लाइन भारत की पहली ऐसी लाइन होगी, जो नदी के नीचे होते हुए गुजरेगी.
खुदाई करनेवाली मशीन जर्मनी से मंगायी गयी
हुगली नदी के नीचे सुरंग बनाने के लिए जर्मनी से दो मशीनें मगायी गयी हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण मशीन है अर्थ प्रेशर बैलेंश टनल बोरिंग मशीन (ईपीबीटीबीएम). सूत्रोें से मिली जानकारी के अनुसार जर्मनी से मंगायी गयी इस मशीन की कीमत सौ करोड़ रुपये से ज्यादा है.
इस मशीन का काम खुदायी करना और खाली जगह पर पहले से बनी हुई सीमेंट की मजबूत दीवार को सेट करना है. यह मशीन 24 घंटे में 19 मीटर मिट्टी काट कर दीवार तैयार करती है. हावड़ा स्टेशन से हावड़ा मैदान की दूरी 750 मीटर है. मशीन को हावड़ा मैदान से जमीन के नीचे मिट्टी काट कर सुरंग बनाते हुए हावड़ा स्टेशन पहुंचने में तीन महीने का समय लगेगा.

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