Advertisement
पंचायत कानून में होगा संशोधन, पेश होगा बिल
कोलकाता: राज्य सरकार पंचायत सदस्यों के लिए एक खुशखबरी ले कर आयी है. जल्द ही पंचायत कानून में बदलाव होनेवाला है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आनेवाले दिनों में त्रिस्तरीय पंचायत सदस्य भी अपने पद से इस्तीफा दिये बगैर पार्षद, विधायक व सांसद का चुनाव लड़ पायेंगे. शनिवार को पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री […]
कोलकाता: राज्य सरकार पंचायत सदस्यों के लिए एक खुशखबरी ले कर आयी है. जल्द ही पंचायत कानून में बदलाव होनेवाला है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो आनेवाले दिनों में त्रिस्तरीय पंचायत सदस्य भी अपने पद से इस्तीफा दिये बगैर पार्षद, विधायक व सांसद का चुनाव लड़ पायेंगे. शनिवार को पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने यह जानकारी दी. श्री मुखर्जी ने बताया कि हम लागों ने पंचायत अधिनियम 1973 में कुछ संशोधन करने का फैसला किया है.
कानून में बदलाव होने के बाद पंचायत सदस्य दो पद पर एक साथ रह पायेंगे. वर्तमान कानून के अनुसार अगर कोई पंचायत सदस्य पार्षद, विधायक, सांसद आदि किसी चुनाव में हिस्सा लेता, तो उसे पहले पंचायत सदस्य के पद से इस्तीफा देना पड़ता. वहीं, पार्षद, विधायक व सांसद को इस तरह की कोई रोक नहीं है. वह एक साथ दो-दो पद का मजा ले सकते हैं. उदाहरण के तौर पर कोलकाता नगर निगम के 131 नंबर वार्ड के पार्षद शोभन चटर्जी कोलकाता के मेयर आैर दमकल विभाग के मंत्री दोनों जिम्मेदारी एक साथ संभाल रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचायत विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हरी झंडी दिखा दी है. इस बिल को विधानसभा के अगले सत्र में पेश किया जायेगा. गौरतलब है कि अगले वर्ष राज्य में पंचायत चुनाव होने वाला है. उसके मद्देनजर पंचायत कानून में यह संशोधन काफी अहमियत रखता है.
पंचायत चुनाव में भाजपा को जीरो कर देंगे
कोलकाता. प्रदेश भाजपा द्वारा उत्तर 24 परगना जिले में चल रहे अभियान व जन सभाओं पर कटाक्ष करते हुए राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री व सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि जिले में सभा व रैली निकालने से कुछ नहीं होगा. क्योंकि आगामी पंचायत चुनाव में भाजपा को उत्तर 24 परगना में एक भी सीट नहीं मिलेगी. उनकी संख्या यहां जीरो होगी. जिले के 200 ग्राम पंचायत में से भाजपा को एक भी ग्राम पंचायत नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर 24 परगना में चाहें जितनी भी सभा कर लें, चाहें जितने भी केंद्रीय नेताओं को बुला कर रैली निकालें, इसका कोई फायदा नहीं होनेवाला. जिले में भाजपा अपना पांव कभी नहीं पसार पायेगी. उन्होंने कहा कि कौन-सी पार्टी कितनी ताकतवर है, इसका प्रमाण चुनाव के नतीजे दर्शाते हैं. विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा का जिले में सिर्फ एक विधायक था, बशीरहाट से भाजपा विधायक थे शमिक भट्टाचार्य. लेकिन वर्ष 2016 में हुए विस चुनाव में उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा. इससे ही साबित होता है कि जिले में भाजपा की क्या स्थिति है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement