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ओवरलोडिंग! कोई बात नहीं, डाक बाबू है न

कोलकाता: मालवाहक वाहनों पर ओवरलोडिंग के कारण प्रत्येक वर्ष सड़क हादसों में सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है. राज्य में कुल सड़क हादसों की 32 प्रतिशत वजह ओवरलोडिंग है. ओवरलोडिंग के चलते अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर होती हैं. सूत्रों के अनुसार, नेशनल एवं स्टेट हाइवे के पास ऐसा गिरोह […]

कोलकाता: मालवाहक वाहनों पर ओवरलोडिंग के कारण प्रत्येक वर्ष सड़क हादसों में सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है. राज्य में कुल सड़क हादसों की 32 प्रतिशत वजह ओवरलोडिंग है. ओवरलोडिंग के चलते अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर होती हैं. सूत्रों के अनुसार, नेशनल एवं स्टेट हाइवे के पास ऐसा गिरोह फूल-फल रहा है जो ओवरलोडिंग करने वाले मालवाहक वाहनों को सुरक्षा देने के नाम पर या कह सकते हैं किसी प्रकार की प्रशासनिक अड़चन से बचाने के लिए रुपये वसूलता है. गिरोह के लोग ‘डाकबाबू’ के नाम से जाने जाते हैं.
प्रत्येक वाहन से 24-25 हजार रुपये लेते हैं मासिक
डाकबाबू मालवाहक वाहनों में ओवरलोडिंग कराने के लिए 24 से 25 हजार रुपये मंथली (महीने में) लेते हैं. विभिन्न इलाकों पर चेकपोस्ट के पास भी चालकों को महीने में करीब तीन हजार रुपये देने पड़ते हैं, ताकि उनके ओवरलोडेड वाहनों को रोका न जाय. पहले वाहन मालिकों को मंथली कार्ड दिया जाता था, लेकिन अब गिरोह भी हाइटेक हो गया है. अब मोबाइल फोन के जरिये मंथली ली जा रही है. इस संबंध में फेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रक आॅपरेटर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रबीर चटर्जी ने बताया कि ऐसे इलाकों में बर्दवान का शक्तिगढ़, मेमारी, कांकसा, आरामबाग, गोघाट, पांडुआ, डानकुनी आदि शामिल हैं. बर्दवान एवं वीरभूम से कोलकाता और हावड़ा की ओर आने वाले अधिकतर ट्रक ओवरलोडेड होते हैं. 10 चक्का वाले मालवाहक वाहनों में सामान रखने की क्षमता यदि वाहन के भार सहित 26 टन है तो इसके दोगुने वजन का माल लादा जाता है. अन्य मालवाहक वाहनों की स्थिति भी ऐसी है. ओवरलोडिंग के कारण सड़क हादसे तो होते ही हैं साथ ही प्रदूषण फैलता है और सड़क खराब होती है. श्री चटर्जी ने राज्य सरकार से ओवरलोडिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
बसों पर ओवरलोडिंग से ट्रक मालिकों को नुकसान
बसों में ओवरलोडिंग से ट्रक मालिकों को खासा नुकसान हो रहा है. ट्रक की अपेक्षा बस में कम कीमत पर माल ले जाया जाता है. दूर-दराज सामान भेजने वाले बस को प्राथमिकता देते हैं. बाबूघाट इलाके में दूरगामी बसों में अवैध तरीके से ओवरलोडिंग की जाती है. इस स्थिति में बस के नेशनल एवं स्टेट हाइवे से गुजरने पर हादसे की आशंका बनी रहती है. कुछ रुपये के लालच में बस मालिक एवं चालक लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. ट्रक संगठनों की ओर से कहा गया है कि मालवाहक वाहनों के साथ ही बसों में भी ओवरलोडिंग के खिलाफ कदम उठाने होंगे.
पुलिस पकड़ सकती है, चालान नहीं काट सकती : आइजी (ट्रैफिक) मनोज कुमार वर्मा ने कहा : ओवरलोडेड मालवाहक वाहन को पुलिस पकड़ तो सकती है लेकिन चालान नहीं काट सकती है. यदि देर रात पुलिस ओवरलोडेड मालवाहक वाहन पकड़ती है तो चालान काटने के लिए आरटीओ अधिकारी को बुलाना पड़ता है. देर रात आरटीओ अधिकारी को सूचित करने, चालान काटने में देर होने पर अन्य कई समस्या होने लगती है.

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