कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया है कि केंद्र-राज्य के संबंध एक दूसरे का सम्मान करने की लोकतांत्रिक शिष्टता के माध्यम से परस्पर सहमति पर आधारित होने चाहिए. केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लगातार निशाना साधनेवाली ममता बनर्जी ने अपने सुर को थोड़ा नरम करते हुए ममता लोकतांत्रिक राष्ट्र में आपसी सम्मान को एक महत्वपूर्ण विषय बताया है.
महानगर में आयोजित किसान दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक राजनीतिक दल सत्ता में आयेगा और कल हारेगा लेकिन आदर्श बने रहने चाहिए. सुश्री बनर्जी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सबकुछ सुगमता से चले. हम यह भी चाहते हैं कि आपसी सहमति के साथ केंद्र व राज्य के संबंधों में प्रगति आये, लेकिन लोकतांत्रिक शिष्टता बनी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल जीतेगा तो दूसरा हारेगा, पर जीत-हार आखिरी शब्द नहीं है. आखिरी शब्द देश की जनता है. हमें उन्हें नहीं भूलना चाहिए. यही परंपरा हमारी सभ्यता व संस्कृति है.
वहीं दूसरी ओर उन्होंने पर आधार कार्ड के मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार कार्ड के बारे में मेरे कुछ प्रश्न हैं. यह मिड डे मील, आंगनबाड़ी केंद्र, किसान क्रेडिट कार्ड, सौ दिन रोजागर इत्यादि के लिए अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन अभी तक तो आधार बनाने का काम ही पूरा नहीं हुआ है तो फिर इसे अनिवार्य क्यों किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग आधार को लागू करने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन यह केंद्र की जिम्मेदारी थी कि आधार कार्ड के पंजीकण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इसे अनिवार्य किया जाय. उन्होंने कहा कि आधार बनाने की जिम्मेदारी आपकी थी, पर आप इसमें नाकाम साबित हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे अचानक लागू करने के नाम पर देश के गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं करना चाहिए. अपने संबोधन के माध्यम से ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट करने का प्रयास किया कि पांच राज्यों के चुनाव में भले ही चारों आेर भाजपा की जयजयकार हो रही है, पर वह इससे बिल्कुल भी विचलित नहीं हुई हैं.
किसानों से सीधे आलू खरीदेगी सरकार
कोलकाता. आलू किसानों की दुर्दशा को देखते हुए राज्य सरकार ने अब किसानों से सीधे आलू खरीदने का फैसला किया है. किसान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में आलू का काफी अच्छा उत्पादन हुआ है. पर किसान कम कीमत पर आलू बेचने के लिए बाध्य हैं. राज्य के आलू किसान मजबूरी में अपना आलू ढाई से तीन रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे हैं. सुश्री बनर्जी ने कहा कि मिड-डे मील आैर आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए हमें प्रत्येक महीने 28000 मेट्रिक टन आलू की जरूरत पड़ती है. किसानों की हालत देखते हुए हम लोग यह आलू अब उनसे सीधे खरीदेंगे. सरकार किसानों से चार रुपये 60 पैसे प्रति किलो की दर से आलू खरीदेगी. इसके साथ ही अन्य राज्यों व विदेशों में आलू निर्यात करनेवाले किसानों को राज्य सरकार ने सब्सिडी देने का भी एलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल से आलू भेजने पर 50 पैसे प्रति किलो एवं जहाज से भेजने पर एक रुपये प्रति किलो की सब्सिडी देगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सरकार द्वारा लिये गये कर्ज के कारण हमारी आर्थिक हालत ठीक नहीं है. इसके बावजूद किसानों के हित के लिए हम लोगों ने उन्हें सब्सिडी देने का फैसला किया है.
75 किसानों को सीएम ने किया सम्मानित
कोलकाता. नंदीग्राम आंदोलन के 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं. 14 मार्च 2007 को नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग में 14 किसान मारे गये थे. उस दिन की याद में तृणमूल सरकार प्रत्येक वर्ष 14 मार्च को किसान दिवस के रूप में मनाती है. इस वर्ष भी किसान दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने नजरूल मंच में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जहां 75 किसानों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सम्मानित किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हमारे गर्व हैं. किसानों को अलग कर देश नहीं चल सकता है. ग्रामीण समाज ही शहरों को आलौकित करता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की सहायता के लिए प्रतिब्ध है. हम लोगों ने सिंगूर के किसानों की जमीन वापस करने की शपथ ली थी, जिसे हम लोगों ने पूरा कर दिया. हम लोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं. केंद्र की मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि इनसान आते हैं आैर चले जाते हैं, पर उनकी बातें रह जाती हैं. हम लोग वोट के लिए गलत वादे नहीं करते हैं. कुप्रचार अधिक दिन नहीं चल सकता है. कुप्रचार की झोली से बिल्ली नहीं निकलती है आैर न ही इससे कोई काम पूरा होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 90 प्रतिशत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा चुका है. पांच वर्ष में 70 लाख लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया है. नोटबंदी के फैसले के लिए एक बार फिर मोदी सरकार की नीतियों की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती पर नोटबंदी का असर पड़ा है. राज्य सरकार ने नोटबंदी से मरनेवाले किसान परिवार को सम्मान देने की व्यवस्था की है. नोटबंदी के कारण नकदी की कमी के चलते धान की खरीदारी प्रभावित हुई है.
इसे देखते हुए हम लोगों ने सभी प्रकार की रोक को हटा दिया है. किसानों की सहायता के लिए सरकार ने बांग्ला फसल बीमा योजना चालू की है. मिट्टी की जांच शुरू की गयी है. मिट्टी की जांच कर खेती का परामर्श दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल खेती ही नहीं मछली उत्पादन पर भी सरकार ध्यान दे रही है. हिल्सा मछली के लिए शोध केंद्र तैयार किया गया है. प्याज की खेती पर भी विशेष जोर दिया गया है. मिट्टी, तालाब, हरियाली नहीं होने से पर्यावरण की रक्षा नहीं होगी. इसलिए हरियाली को बचाना ही होगा. सूखा प्रभावित इलाकों में सिंचाई की विशेष व्यवस्था की गयी है. पिछली वाम मोरचा सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा लिये गये कर्ज को हमें चुकाना पड़ रहा है. 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हमें केंद्र को चुकाने में सब कुछ चला जा रहा है. अगर यह कर्ज नहीं होता, तो लोगों के लिए काफी कुछ किया जा सकता था.