कमेटी के अध्यक्ष अशोक सेन का कहना है कि किसान एक से डेढ़ रुपये प्रति किलोग्राम आलू बेचने को मजबूर हैं, जबकि बाजारों में आलू की कीमत ज्यादा है. आलू किसानों की समस्याओं के प्रति राज्य सरकार का उदासीन है.
कमेटी ने किसानों को 800 रुपये प्रति क्विंटल आलू की कीमत दिये जाने, हिमघर में किसानों को कुल ऊपज का करीब 80 प्रतिशत भाग रखने की व्यवस्था कराने, किसानों का ऋण माफ किये जाने, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा देने, किसानों और क्रेता की सुविधा के लिये आलू कार्पोरेशन गठन करने की मांग की गयी.