राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सीबीएसइ को पत्र प्रेषित कर नियम में कुछ छूट देने की अपील की है. नेशनल एलीजेबिलिटी कम एन्ट्रेंस टेस्ट (एनइइटी) ने मेडिकल के लिए 25 वर्ष निर्धारित किया है. मेडिकल शिक्षा के निदेशक सुशांत बंद्योपाध्याय ने सीबीएसई से अपील की है कि आधार कार्ड के बिना आवेदकों को नीट 2017 परीक्षा के लिए अयोग्य या डिसक्वालीफाई न किया जाये. इसी पत्र में निदेशक ने बोर्ड को व्यक्तिगत रूप से नीट परीक्षा के वैलिड स्कोर व निवास स्थान स्टेटस के आधार पर मेरिट सूची रिलीज करने का भी अनुरोध किया है.
अब तक इस बॉडी द्वारा इस तरह मेरिट सूची जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है. गत वर्ष तक बंगाल सरकार द्वारा ही मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए प्रवेश टेस्ट लिया जाता था. इसमें उम्र की भी कोई सीमा नहीं थी. चयन के लिए केवल मेरिट ही एकमात्र विकल्प था. बंगाल में ऐसा भी कोई नियम नहीं था कि मेडिकल के लिए टेस्ट केवल तीन बार होगा. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा भी ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है. विभाग के सूत्रों का कहना है कि सीबीएसइ द्वारा आवेदन क्राइटेरिया घोषित करने के बाद इस फैसले के खिलाफ प्रतिवाद किया गया. इसमें आधार कार्ड की अनिवार्यता का भी विरोध किया गया. कई राज्य सरकारों के दबाव के बाद सीबीएसइ ने स्पष्ट किया कि आवेदक केवल तीन बार ही परीक्षा दे सकता है, इस नजरिये से इस साल से काउंटिंग नये रूप से शुरू होगी. इस आधार पर सभी आवेदक अब इस टेस्ट में बैठने के योग्य होंगे, भले ही उन्होंने एआइपीएमटी या एनईईटी ही क्यों न दिया हो.