कोलकाता: राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने शुक्रवार को राज्य का वािर्षक बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नोटबंदी से अर्थव्यवस्था से जुड़े िवभिन्न सामाजिक पक्ष बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं और वर्तमान बजट में उन पक्षों को राहत पहुंचाने की हरसंभव कोशिश की गयी है. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी फैसले का शुरू से ही विरोध किया है. उनका मानना है कि इससे छोटे कारोबारियों व कारीगरों को काफी नुकसान हुआ है.
नोटबंदी के कारण हजारों लोगों की नौकरियां गयी हैं, इसलिए राज्य सरकार ने अपने बजट में छोटे कारोबारियों व रोजगार खोनेवालों का विशेष ध्यान रखा है. वित्त मंत्री ने वर्ष 2017-18 के लिए सात करोड़ रुपये घाटे का बजट पेश किया. बजट में राज्य सरकार ने नोटबंदी की वजह से रोजगार खोनेवाले 50 हजार लोगों को 50-50 हजार रुपये एककालीन अनुदान देने की घोषणा की है.
इसके लिए उन्होंने कुल 250 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. नोटबंदी की वजह से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. वित्त मंत्री ने बजट में छोटे कारोबारियों को कर में कई तरह की छूट प्रदान की है. अब 20 लाख रुपये तक का वार्षिक कारोबार करनेवाले छोटे कारोबारियों को कोई वैट नहीं देना होगा. साथ ही अब किसी भी छोटे कारोबारी को अलग से वैट ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं करना होगा. इसके साथ ही राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी के दो लाख व 50 हजार आशा कर्मियाें के मासिक भत्ते में वृद्धि करने की घोषणा की है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सलाना 150 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. श्री मित्रा ने जमीन व फ्लैट के लिए किये जानेवाले सेल एग्रिमेंट (विक्रय समझौता) की स्टांप ड्यूटी में कटौती करने की घोषणा की है. इसे पांच प्रतिशत से कम करके दो प्रतिशत कर दिया गया है. लेकिन राज्य सरकार ने शर्त रखी है कि समझौता होने के चार वर्ष के अंदर विक्रय प्रक्रिया पूरी कर पंजीकरण के साथ स्टांप ड्यूटी जमा करनी होगी.
वामो व कांग्रेस ने लगायी मॉक एसेंबली, पेश किया मॉक बजट
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान के साथ हाथापाई के विरोध में शुक्रवार को कांग्रेस व वाममोरचा के विधायकों ने बजट का बहिष्कार किया. दोनों दलों के विधायकों ने विधानसभा गेट पर मॉक एसेंबली लगायी व मॉक बजट पेश किया. आरएसपी के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री विश्वनाथ चौधरी विधानसभा अध्यक्ष बने थे. माकपा विधायक जहांआरा खातून मुख्यमंत्री बनीं व कांग्रेस विधायक मनोज चक्रवर्ती संसदीय मामलों के मंत्री तो कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुख विलास वर्मा वित्त मंत्री बने थे. विधानसभा कक्ष की तरह ही श्री चौधरी के टेबल पर हथौड़ी और बेल रखा हुआ था. वाम मोरचा व कांग्रेस के कुछ विधायक सत्तारूढ़ दल की ओर थे, तो कुछ विरोधी दल के विधायक की भूमिका में थे. वे लगातार शोरगुल मचा रहे थे और वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किये जाने के दौरान बीच में व्यवधान भी डाल रहे थे. वाममोरचा के एक विधायक पशु तस्कर मंत्री की भूमिका में थे. इसी बीच, श्री वर्मा ने साइकिल वितरण पर कटाक्ष करते हुए कैग से इसकी जांच कराने का प्रस्ताव पेश किया. अन्य विधायकों ने इसकी सीबीआइ जांच की मांग की. दोपहर ढाई बजे से लगभग पौने घंटे तक मॉक असेंबली चली और विरोधी दल के विधायकों ने सत्तारूढ़ दल पर जमकर हमला बोला.
नोटबंदी और वामो सरकार के शासन के दौरान लिये गये कर्ज के बोझ के बीच यह सर्वश्रेष्ठ बजट है.
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री
यह बजट धोखा और झूठा है. नोटबंदी के नाम पर तृणमूल के लोगों को खुश करने की कोशिश है.
सुजन चक्रवर्ती, नेता, माकपा
बजट में 1 लाख 29 हजार करोड़ राजस्व में 78 हजार करोड़ रुपये केंद्र द्वारा आवंटित हैं.
दिलीप घोष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
बजट में रोजगार सृजन का आकंड़ा तथ्यहीन है. रोजगार सृजन पर ध्यान नहीं दिया गया.
असीम दासगुप्ता, पूर्व वित्त मंत्री
वामो सरकार ऋण लेकर वेतन देती थी, लेकिन यह सरकार ऋण लेकर मेला आयोजित कर रही है.
सुखविलास वर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस विधायक
बजट झूठ व तृणमूल के लोगों को खुश करनेवाला है. तृणमूल के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है.
नेपाल महतो, उपनेता, कांग्रेस विधायक दल