मेले के सही ढंग से संचालन के लिए शुक्रवार को जिला परिषद ने बैठक की. इस बार मंदिर प्रांगण में प्रवेश के रास्ते पर भक्तों को धूल से राहत दिलाने के लिए जिला परिषद पानी का छिड़काव करायेगा. मेला प्रांगण के प्रवेश द्वार पर जिला परिषद अलग से सीसीटीवी कैमरा लगवायेगा. मंदिर के भीतर मंदिर कमिटी की ओर से लगनेवाला मेला एक महीना चलेगा. वहीं मंदिर के बाहर जिला परिषद की ओर से लगनेवाला मेला 10 दिन चलेगा. जलपाईगुड़ी के मयनागुड़ी में जल्पेश मंदिर का निर्माण सन 1632 में कूचबिहार के राजा प्राणनारायण द्वारा शुरू किया गया था.
निर्माण कार्य सन 1665 में राजा मोदोनारायण के समय पूरा हुआ था. मंदिर में अनादि शिवलिंग स्थापित है. मंदिर में 24 फरवरी को रात आठ बजकर 57 मिनट पर शिवलिंग का विभिन्न तरीके से शृंगार कर विशेष पूजा होगी. जल्पेश मंदिर कमिटी के सचिव गिरेंद्रनाथ देव ने बताया कि सुरक्षा और चौकसी की दृष्टि से मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर मंदिर परिसर और मंदिर के अंदर 28 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. आम प्रवेश शुल्क 10 रुपये होगा, जबकि विशेष टिकट 100 रुपये का रखा गया है. 24 फरवरी से लोगों की सहायता के लिए मंदिर की ओर से 50 स्वयंसेवक तैनात रहेंगे. पूजा और मेला में आनेवाले वाहनों को रखने के लिए पार्किंग जोन तैयार किया जा रहा है. इसके लिए जिला परिषद नीलामी का आयोजन करने जा रहा है.
जिला परिषद की अध्यक्ष नूरजहां बेगम ने बताया कि सामने ही माध्यमिक परीक्षा है. इसे देखते हुए सांस्कृतिक समारोहों और मेले में होनेवाले आयोजनों में किसी सूरत में रात साढ़े नौ बजे के बाद माइक बजाने की अनुमति नहीं दी गयी है. पीएचइ विभाग की ओर से भक्तों के लिए पेयजल की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा पुलिस, दमकल आदि की मेले के सुचारु आयोजन में मदद ली जायेगी. मेले पर नजर रखने के लिए जिला परिषद सीसीटीवी कैमरे लगवा रहा है. जिला परिषद द्वारा आयोजन होनेवाला मेल अब सात की जगह 10 दिन का कर दिया गया है. मयनागुड़ी थाने के आइसी सुकुमार मिश्र ने बताया कि पूजा और मेले को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी.