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साइको से सीरियल किलर बन गया उदयन
कोलकाता/रायपुर : देश में सीरियल किलिंग की कई घटनाओं से लोग वाकिफ है. हाल में ऐसी ही एक अौर घटना सामने आयी है. अपने माता-पिता और प्रेमिका की हत्या के आरोपी उदयन की कहानी अजीब है. उसके साइको और फिर सीरियल किलर बनने की कहानी काफी चकित करने वाली है. पढ़ाई में नहीं लगता था […]
कोलकाता/रायपुर : देश में सीरियल किलिंग की कई घटनाओं से लोग वाकिफ है. हाल में ऐसी ही एक अौर घटना सामने आयी है. अपने माता-पिता और प्रेमिका की हत्या के आरोपी उदयन की कहानी अजीब है. उसके साइको और फिर सीरियल किलर बनने की कहानी काफी चकित करने वाली है.
पढ़ाई में नहीं लगता था मन: 24 जून 1984 को मध्य प्रदेश के भोपाल में उदयन दास का जन्म हुआ था. उसके पिता वीरेंद्र दास और इंद्राणी दास काफी संपन्न और शिक्षित थे. उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा इतना शातिर व उन्हीं का कातिल निकलेगा.
उदयन की मां इंद्राणी काफी तेज तर्रार महिला थीं. अपने बेटे पर कई प्रकार केे प्रतिबंध भी लगा रखे थे, मसलन- बेवजह घर से बाहर जाना, अन्य बच्चों से मिलना आदि. लेकिन मौका मिलते ही उदयन अपने मन की करता था. पकड़े जाने पर उसे घंटों शौचालय में बंद रखा जाता था. 16 वर्ष से अधिक समय तक शिवाजी नगर में रहनेवाली इंद्राणी के पड़ोसियों का कहना है कि उदयन को घर से बाहर निकलने पर कड़ी सजा मिलती थी. उसके रोने की आवाज बाहर तक सुनायी देती थी. एक पड़ोसी ने इंद्राणी को समझाने का प्रयास किया कि बच्चे से ऐसी सख्ती ना करे तो वह झगड़ा करने लगी.
इसके बाद पड़ोसी उनके घरेलू विवाद से दूर ही रहते थे. यह भी पता चला है कि बचपन से ही उदयन की संगत बिगड़ैल बच्चों के साथ थी. माता-पिता उसे पढ़ाना चाहते थे लेकिन उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता था. 10वीं तक उदयन भोपाल में पढ़ा. 12वीं की पढ़ाई उसने रायपुर में की. अभिवावकों के प्रयास से भिलाई स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज में उसका दाखिला हो गया, लेकिन वह तीसरे वर्ष में फेल हो गया. इसके बाद माता-पिता ने उसे कंप्यूटर साइंस पढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली.
परिजनों से कटा-कटा रहता था : उदयन अपने परिवार समेत अन्य परिजनों से दूरी बनाये रखता था. उदयन की मां की बहन और उसके दो भाई (सोमनाथ और सुब्रत) भोपाल के कल्पनानगर में रहते हैं. इनकी सात-आठ वर्षों से उदयन से बातचीत नहीं हुई थी. उदयन की गिरफ्तारी के बाद दास परिवार के अन्य सदस्यों को उसकी करतूत का पता चला.
उदययन को इंटरनेट पर चैटिंग करना, घूमना-फिरना शुरू से ही पसंद था. वर्ष 2007 में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिये पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा की रहनेवाली आकांक्षा शर्मा सेे उदयन का संपर्क हुआ. धीरे-धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन गये. स्वभाव में आकांक्षा, उदयन से साफ उलट थी.
उदयन झूठ बोलने में माहिर था. जबकि पढ़ाई में तेज आकांक्षा अपने माता-पिता का बेहद ख्याल रखती थी. वह इंडीपेंडेट थी, इसके बावजूद पिता उसकी हर जरूरत पूरी करते थे. आकांक्षा को सरकारी नौकरी की चाहत थी, लेकिन उदयन के संपर्क में आने के बाद उसने नौकरी की तैयारी छोड़ी थी. आकांक्षा ने जयपुर से एमएससी की डिग्री ली थी. इसके बाद वह नयी दिल्ली आ गयी. उदयन ने आकांक्षा से कहा था कि वह अमेरिका में रहता है, लेकिन अपने परिजनों से मिलने वह अक्सर भोपाल आता है.
आकांक्षा अक्सर हवाई जहाज से नयी दिल्ली से भोपाल उससेे मिलने जाती थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार उदयन हमेशा कहता था कि उसके पास समय का काफी अभाव है. वह कुछ दिन उसके (आकांक्षा) साथ रहना चाहता है, क्योंकि उसे अमेरिका लौटना पड़ेगा. आकांक्षा के वापस जाने पर उदयन अपने घर लौट आता था. आकांक्षा के परिजनों को यह बात नहीं मालूम थी.
उदयन के झूठ से भी आकांक्षा अनजान थी. जब उदयन की सच्चाई आकांक्षा के सामने आयी तो दोनों के बीच अक्सर झगड़े होने लगे. आकांक्षा, उदयन से खफा रहने लगी. यह बेरूखी उदयन को मंजूर नहीं थी. कुछ दिन बाद उदयन को लगने लगा कि आकांक्षा चोरी-छिपे किसी दूसरे व्यक्ति से फोन पर बात करती है. चैटिंग करती है. इस बात पर जुलाई 2016 में दोनों के बीच जमकर बहस हुई थी. इसके बाद ही उदयन ने हत्या की साजिश रची. आरोप है कि बहस के दूसरे ही दिन उदयन ने आकांक्षा का मुंह तकिये से तब तक दबाये रखा जब तक उसकी जान ना निकल गयी.
खौफनाक सीरियल देख रची साजिश
उदयन को खौफनाक सीरियल काफी पसंद थे. उसने अंग्रेजी हॉरर सीरियल ‘वाकिंग डेड’ के सीजन पांच से प्रभावित होकर आकांक्षा की हत्या की साजिश रची. जिस तरह सीरियल में प्रेमी अपनी प्रेमिका की बेरहमी से हत्या कर उसकी लाश घर में ही दफना देेता है, वैसा ही उदनय ने भी किया. पुलिस उसके साइको होने से भी पूरी तरह इनकार नहीं कर रही है. गिरफ्तार करने जब पुलिस उसके घर पहुंची तो देखा कि सभी कमरों में एलसीडी लगा है.
घर में जरूरत और विलासितापूर्ण जीवन के सभी सामान हैं, लेकिन घर की साफ-सफाई नहीं के बराबर थी. घर के चारों ओर सिगरेट के टुकड़े, शराब की खाली बोतलें फेंकी हुई थी. यह बात भी सामने आयी कि उदयन गत तीन महीने से नहाया भी नहीं था. शरीर की दुर्गंध दूर करने के लिए वह महंगे परफ्यूम लगाता था. आकांक्षा की हत्या की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि उदयन ने अपने मां-बाप की भी हत्या की है. वर्ष 2010 में मां-बाप की हत्या कर रायपुर स्थित पुराने मकान के बगीचे में दफना दिया था. पुलिस को खुदाई केे दौरान मानव-कंकाल मिले.
10 मिनट तक दबाता रहा मां का गला
अपनी मां से उदयन की कभी नहीं पटती थी. आरोप है कि मां का गला वह दस मिनट तक लगातार दबाता रहा. पिता को मारने के लिए चाय में नींद की गोलियां मिलायी थी. हत्या के बाद शवों को दफनाना उसके लिए चुनौती थी. उसने ऐसे मजदूरों की तलाश की जो जल्द गड्ढा खोद सकें. सेफ्टिक टैंक के लिए गड्ढा खोदने के नाम पर उसने मजदूर बुलाये. बगीचे में करीब सात फीट गहरा गड्ढा खुद जाने के बाद उसने मजदूरों को अतिरिक्त मजदूरी भी दी. खुदाई पांच घंटे में पूरी हुई थी. इसके बाद उसने अपने माता-पिता के शवों को दफन कर दिया.
क्या है मामला : बाकुंड़ा निवासी आकांक्षा शर्मा उर्फ श्वेता की हत्या के आरोप में पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उदयन को गिरफ्तार किया है. उससे पूछताछ के बाद ही वीरेंद्र दास और इंद्राणी दास की हत्या का खुलासा हुआ.
प्रेमिका की कब्र पर सोता था : पुलिस को उदयन ने बताया है कि प्रेमिका की हत्या करने के बाद वह टूट गया था. रोज शराब पीने लगा था. कई बार आत्महत्या करना चाहा, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सका. प्रेमिका को अपने घर में ही दफनाने के बाद वह उसकी कब्र पर सोता था. उसी स्थान पर कॉल गर्ल के साथ रात बिताता था.
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