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मैच टिकट न मिलने पर गांगुली को विश्वरूप का शिकायती पत्र
कोलकाता : क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के पूर्व कोषाध्यक्ष विश्वरूप दे ने भारत-इंग्लैंड के बीच गत 22 जनवरी को इडेन गार्डेंस में हुए मैच का टिकट न मिलने पर सीएबी अध्यक्ष सौरभ गांगुली को शिकायती पत्र लिखा है. कॉम्प्लीमेंट्री टिकट के बंटन में पारदर्शिता के न होने का आरोप लगाते हुए इस संबंध में सौरभ […]
कोलकाता : क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के पूर्व कोषाध्यक्ष विश्वरूप दे ने भारत-इंग्लैंड के बीच गत 22 जनवरी को इडेन गार्डेंस में हुए मैच का टिकट न मिलने पर सीएबी अध्यक्ष सौरभ गांगुली को शिकायती पत्र लिखा है. कॉम्प्लीमेंट्री टिकट के बंटन में पारदर्शिता के न होने का आरोप लगाते हुए इस संबंध में सौरभ गांगुली के हस्तक्षेप की अपील की है. संवाददाताओं से बातचीत में विश्वरूप दे ने कहा कि उन्हें सीएबी से पांच जनवरी को पत्र मिला जिसमें उन्हें उक्त मैच के लिए कॉम्प्लीमेंट्री टिकट लेने के लिए कहा गया था, लेकिन जब उन्होंने अपने अधिकृत प्रतिनिधि को टिकट लेने के लिए भेजा तो सीएबी के ट्रस्टी बोर्ड के चेयरमैन गौतम दासगुप्ता ने उनके कोटा का टिकट देने से इनकार कर दिया, जबकि वह कई रूपों में टिकट पाने के अधिकारी थे. गत 22 जनवरी को वह सीएबी के ऑनररी कोषाध्यक्ष थे.
वह एक क्लब के प्रतिनिधि भी हैं. इसके अलावा वह सीएबी के संयुक्त सचिव भी रहे हैं. नियमानुसार संयुक्त सचिव को आजीवन कॉम्प्लीमेंट्री टिकट मिलता है. श्री दे ने कहा कि इडेन में करीब 12 हजार 992 कॉम्प्लीमेंट्री टिकट होते हैं, लेकिन उन्हें एक टिकट के भी काबिल नहीं समझा गया. टिकट बंटन में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गयी, जबकि लोधा कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक टिकट बंटन में भी पारदर्शिता होनी चाहिए.
उन्होेंने कहा कि जब उन्हें (विश्वरूप दे को) सीएबी से हटाने की बात होती है तो कमेटी की सिफारिशों को माना जाता है, लेकिन टिकट पारदर्शिता के मुद्दे पर सिफारिशों को दरकिनार कर दिया जाता है. उनका मानना है कि सीएबी अध्यक्ष सौरभ गांगुली इस स्थिति से अवगत नहीं होंगे. लिहाजा वह उनसे इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हैं. वह करीब हफ्ता-10 दिन तक जवाब का इंतजार करेंगे, इसके बाद वह बीसीसीआइ से गुहार लगायेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएबी में टिकट बंटन का जिम्मा बाहरी लोगों को सौंप दिया गया है.
इधर सीएबी ट्रस्टी बोर्ड के चेयरमैन गौतम दासगुप्ता ने माना कि विश्वरूप दे को टिकट नहीं दिये गये. उन्होंने कहा कि विश्वरूप दे को आठ कॉम्प्लीमेंट्री टिकट मिलने की बात थी, लेकिन इस संबंध में सीएबी अध्यक्ष से इजाजत नहीं मिलने पर उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इसके अलावा विश्वरूप दे का पद भी स्पष्ट नहीं है. यह तो पता चले कि उन्हें किस आधार पर टिकट दिया जाये. न केवल विश्वरूप दे बल्कि सह सचिव सामंत दे तथा एक उपाध्यक्ष को भी टिकट नहीं मिल सका था.
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