मालदा: तृणमूल समर्थकों के विरोध की वजह से केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री बाबुल सुप्रियो मालदा के नये सर्किट हाउस में कई घंटे तक बंधक बने रहे. वह यहां भाजपा के राज्य सम्मेलन में भाग लेने के लिए आये हुए हैं. सुबह 10 बजे बड़ी संख्या में काला झंडा एवं पार्टी का झंडा लेकर तृणमूल युवा संगठन जय हिन्द वाहिनी के नेता और समर्थक सर्किट हाउस के बाहर जमा हो गये और केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन एवं नारेबाजी शुरू कर दी. उस समय बाबुल सुप्रियो को भाजपा के राज्य सम्मेलन में जाना था.
तृणमूल समर्थकों के भारी जमावड़े की वजह से वह सर्किट हाउस से बाहर नहीं निकल पाये. एक केन्द्रीय मंत्री के सर्किट हाउस में बंधक बन जाने की घटना से भाजपा समर्थकों में खलबली मच गयी. इसके साथ ही उस इलाके में तनाव का माहौल भी उत्पन्न हो गया. इतना ही नहीं, केंद्रीय मंत्री ने सर्किट हाउस में पानी नहीं रहने की भी शिकायत की है. बाबुल सुप्रियो ने संवाददाताओं को बताया कि सर्किट हाउस के बाहर शोर-गुल सुनकर जब वह बालकनी में आये, तो तृणमूल समर्थकों को हंगामा करते देखा. वहां पुलिस की कोई तैनाती नहीं की गयी थी. उन्होंने तृणमूल समर्थकों के हंगामे को सोशल मीडिया पर ट्वीट किया. उसके बाद इंगलिश बाजार थाना पुलिस सर्किट हाउस पहुंची. पुलिस वालों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किये जाने की कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं थी. इसी वजह से वहां पुलिस की तैनाती नहीं की गयी थी. बाबुल सुप्रियो ने यह भी कहा कि वह तृणमूल समर्थकों के हंगामे को उतना महत्व नहीं देना चाहते. यही उनकी संस्कृति है. भाजपा की संस्कृति ऐसी नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सर्किट हाउस में पानी तक की व्यवथा नहीं थी.
जिसकी वजह से वह स्नान नहीं कर पाये. इसके लिए भी वह किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहते. यदि एक केन्द्रीय मंत्री को पानी उपलब्ध नहीं होता है, तो आम लोगों की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. इस संबंध में जिला अधिकारी शरद द्विवेदी ने बताया है कि ऐसी समस्या नहीं होनी चाहिए. यदि सर्किट हाउस में पानी उपलब्ध नहीं था, तो इसकी जांच की जायेगी. वह इस मामले में खोज-खबर ले रहे हैं. सर्किट हाउस के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार मालदा कलेक्टरेट के नाजीर कमल चाकी ने बताया है कि पानी की कोई समस्या नहीं थी. सुबह से ही केन्द्रीय मंत्री के साथ आये लोग स्नान कर रहे थे. इसी वजह से पानी खत्म हो गया था. पंप से पानी देने की व्यवस्था की गयी. इसमें थोड़ी देरी हुई है. दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे तृणमूल कांग्रेस के युवा संगठन जय हिन्द वाहिनी के जिला अध्यक्ष कृष्ण मंडल का कहना है कि प्रधानमंत्री के नोटबंदी के निर्णय से आम लोग परेशान हो रहे हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देशवासियों को परेशान कर दिया है.
गैर कानूनी तरीके से तृणमूल सांसदों की गिरफ्तारी की जा रही है. इसी वजह से आज का विरोध प्रदर्शन किया गया. इधर,इस घटना के बाद शनिवार को भाजपा के राज्य सम्मेलन में शामिल होने आये पार्टी के प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को चेतावनी दी. उन्होंने अधिकारियों खासकर जिला पुलिस अधीक्षक पर निशाना साधा और कहा कि चिटफंड घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ भी शीघ्र ही कार्रवाई शुरू हो जायेगी और वो जल्द नपेंगे. इसमें बस समय की अपेक्षा है. कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार तथा मालदा के पुलिस अधीक्षक अरनब घोष के खिलाफ सीबीआइ में शिकायत दर्ज करायी गयी है. इन लोगों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने का काम जारी है. शीघ्र ही यह लोग जेल जायेंगे. बाद में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो मालदा में हैं और उनकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था पुलिस की ओर से नहीं की गयी है. बाबुल को सर्किट हाउस में तृणमूल समर्थकों ने बंधक बना लिया.
इसकी जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक को लेनी होगी. उन्हें बताना होगा कि वह किसके इशारे पर इस तरह के काम कर रहे हैं. मालदा में बने भाजपा के स्वागत गेट को भी तोड़ दिया गया है. पुलिस इस दिशा में भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने सर्किट हाउस में केंद्रीय मंत्री के नहाने के लिए पानी नहीं होने के मामले को भी गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा कि हमलोग अतिथि देवो भव: पर विश्वास करते हैं. लेकिन तृणमूल सरकार बांग्लादेश के मानसिकता के हिसाब से काम कर रही है. इसी वजह से केन्द्रीय मंत्री के पानी को रोक दिया गया.
दंगा को लेकर राज्य सरकार पर हमला: विजयवर्गीय
श्री विजयवर्गीय ने आगे कहा कि तृणमूल सरकार दंगा सरकार है. तृणमूल के सत्ता में आने के बाद से राज्य में 40 दंगे हो चुके हैं. दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उलटे जो लोग दंगे के शिकार हो रहे हैं, उन्हीं को परेशान किया जा रहा है. शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य सरकार बांग्लादेशी भाषा को बढ़ावा दे रही है. बांग्ला में बाबा को अब्बा बोलना सिखाया जा रहा है. मां को अम्मा बोलने के लिए कहा जाता है. यह तो बांग्लादेश की संस्कृति है. स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चों का राज्य सरकार ब्रेनवाश कर रही है.
ऋ ण का बोझ बढ़कर 3 लाख 60 हजार करोड़ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संविधान नहीं मानतीं. वह एक संवैधानिक पद पर रहकर बोलती हैं कि केंद्र सरकार की नीतियों को नहीं मानेंगी. भाजपा मुख्यमंत्री के इस रवैये की निंदा करती है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ऋ ण के बोझ तले दबी हुई है. वर्ष 2011 में दो लाख करोड़ रुपये के ऋ ण का बोझ राज्य सरकार पर था. अब यह बढ़कर तीन लाख 60 हजार करोड़ हो गया है. उसके बाद भी राज्य में विकास नहीं हुआ है. राज्य सरकार के कर्मचारियों को पूरी तनख्वाह नहीं मिल रही है. सभी मामले में पश्चिम बंगाल पीछे है. राज्य सरकार का बस एक ही काम है कि विरोधियों को किसी भी कीमत पर मत बोलने दो. जनसभा तक करने के लिए अदालत की अनुमति लेनी पड़ती है. भाजपा को इस तरह से डराना संभव नहीं है. भाजपा राज्य सरकार को मुंहतोड़ जवाब देगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन की रणनीति भी मालदा में ही तय की जायेगी.