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नारदा कांड : सरकार को हाइकोर्ट की फटकार

कोलकाता: नारदा कांड में एक बार फिर कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा मामले की जांच पर अविश्वास जताया है. कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की खंडपीठ का कहना था कि पुलिस ने इस अपराध पर अपनी आंखें बंद कर ली हैं. जहां एक आइपीएस पर अपराध का आरोप है, वहीं अन्य […]

कोलकाता: नारदा कांड में एक बार फिर कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा मामले की जांच पर अविश्वास जताया है. कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की खंडपीठ का कहना था कि पुलिस ने इस अपराध पर अपनी आंखें बंद कर ली हैं. जहां एक आइपीएस पर अपराध का आरोप है, वहीं अन्य पुलिस अधिकारियों ने वीडियो देखने के बाद भी सीआरपीसी की धारा 154 के तहत एफआइआर तक भी दर्ज नहीं की.
हाइकोर्ट नारदा कांड के वीडियो फुटेज को फिर से देखना चाहता है. बुधवार को इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे और न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने यह इच्छा प्रकट की. इधर, राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदू अधिकारी के वकील ने सीबीआइ जांच का विरोध किया. उनके वकील पार्थसारथी सेनगुप्ता ने कहा कि किसी सबूत के बगैर ही अदालत राज्य पुलिस को निष्पक्ष नहीं मान रही है, क्योंकि मामले से कई सत्ताधारी नेता व मंत्री जुड़े हैं. उस तरह देखा जाये तो सीबीअाइ भी क्या निष्पक्ष रहेगी. वह संस्था भी केंद्र के नियंत्रण में है.
फुटेज देखना जरूरी : मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मामले के निबटारे के लिए फुटेज को देखना जरूरी है. यह फुटेज इससे पहले उन्होंने या उनके सहकर्मी न्यायाधीश ने नहीं देखा है. सुनवाई के दौरान आरोपी पुलिस अधिकारी एसएमएच मिर्जा के वकील ने इसका विरोध किया. हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने आपत्ति को दरकिनार कर दिया.
निष्पक्ष जांच जरूरी : नारदा कांड में निष्पक्ष जांच की बात कहकर हाइकोर्ट ने फिर सरकार को मुश्किल में डाल दिया है. मिर्जा के वकील किशोर दत्त का कहना था कि हाइकोर्ट इस मामले को सीधे सीबीआइ को नहीं दे सकता. कानून इसकी इजाजत नहीं देता. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि खुफिया कैमरे के इस मामले की सच्चाई की जांच करने वे नहीं आये हैं. वे सोच रहे हैं कि इस घटना में और जांच की जरूरत है कि नहीं. पुलिस यदि अपना काम नहीं करती, तो अदालत के हाथ में वैकल्पिक व्यवस्था है. पुलिस यदि कहती है कि आरोपी ने पैसे नहीं लिये तो क्या जांच वहीं खत्म हो जाती है? किशोर दत्त ने कहा कि एक व्यक्ति ने टीवी व अखबार में इस बाबत जानकर जनहित याचिका दायर की. जबकि मैथ्यू सैमुअल ने दो वर्ष तक इसे जानने के बाद भी कुछ नहीं किया.

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