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दो जगह सभा करने की अनुमति नहीं मिली, राज्यपाल से मिले भाजपा नेता

कोलकाता: भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर राज्य में पार्टी की सभाएं आयोजित करने की पुलिस से अनुमति न मिलने की शिकायत की. भाजपा की ओर से पश्चिम मेदिनीपुर के खड़गपुर व उत्तर 24 परगना जिले के कांचरापाड़ा में सभा की जानी थी. खड़गपुर में प्रदेश भाजपा […]

कोलकाता: भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर राज्य में पार्टी की सभाएं आयोजित करने की पुलिस से अनुमति न मिलने की शिकायत की. भाजपा की ओर से पश्चिम मेदिनीपुर के खड़गपुर व उत्तर 24 परगना जिले के कांचरापाड़ा में सभा की जानी थी. खड़गपुर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में सभा होनी थी, जबकि कांचरापाड़ा में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा सभा को संबोधित करनेवाले थे, लेेकिन पुलिस ने भाजपा की इन दोनों सभाओं की अनुमति नहीं दी.

मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि जब उन्होंने पुलिस से सभा की अनुमति नहीं देने का कारण पूछा तो थाना प्रभारी ने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा की सभा के लिए कोई अनुमति नहीं दी जा सकती, ऐसा ही आला कमान से उनको निर्देश मिला है. पुलिस प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष और राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा के नेतृत्व में भाजपा के आठ प्रतिनिधियों ने राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की.

राज्यपाल से मिलने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राहुल सिन्हा ने कहा कि राज्य में अघाेषित आपातकाल की स्थिति चल रही है. भाजपा को कहीं भी सभा करने की अनुमति नहीं दी जा रही. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी गलतियों से नहीं सीख रही. इससे पहले सांसद मेला को रोकने के लिए भी काफी प्रयास किया गया था. इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की रैली व सभा को भी अनुमति नहीं दी गयी, लेकिन इन दोनों मामलों में हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगायी और हाइकोर्ट के निर्देश के बाद सांसद मेला व आरएसएस की रैली आयोजित हुई. भाजपा को कानूनी तरीके से भी सभा नहीं करने दी जा रही है और इसके खिलाफ अब प्रदेश भाजपा कानून का दरवाजा खटखटायेगी.
वहीं, खड़गपुर हत्याकांड में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का नाम आने के संबंध में उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष को फंसाने की साजिश रची थी, लेेकिन उनकी साजिश नाकाम हो चुकी है. इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिलीप घोष, कोई मानस भुईंया नहीं हैं, जो डर के मारे बिना गार्जियनवाली कांग्रेस पार्टी को छोड़ कर तृणमूल में शामिल हो गये थे. भाजपा को ऐसी परिस्थितियों से लड़ना आता है.

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