उसके बावजूद इसकी मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. ऐसे में यह बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है. उन्होंने कहा कि अगर हम कभी भी कार्य के विकास के लिए कुछ प्रस्ताव पेश करते हैं तो वित्त विभाग विभिन्न कठिनाइयों का हवाला देकर इसे ठंडे बस्ते में भेज देता है. भवन मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है.
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कभी भी गिर सकती है हाइकोर्ट की बिल्डिंग
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश विश्वनाथ समाद्दार ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के पहले हाइकोर्ट की बुनियादी सुविधाओं पर सवाल उठाये. हाइकोर्ट के भवन के स्ट्रक्चर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट की बिल्डिंग काफी पुरानी है और कई जगहों पर क्षतिग्रस्त होकर एक ओर झुक गयी है. उसके बावजूद इसकी मरम्मत […]
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश विश्वनाथ समाद्दार ने गुरुवार को मामले की सुनवाई के पहले हाइकोर्ट की बुनियादी सुविधाओं पर सवाल उठाये. हाइकोर्ट के भवन के स्ट्रक्चर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट की बिल्डिंग काफी पुरानी है और कई जगहों पर क्षतिग्रस्त होकर एक ओर झुक गयी है.
इसके साथ ही उन्होंने हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति के संबंध में कहा कि हाइकोर्ट में जजों की संख्या काफी कम है, जिससे जजों पर कार्य का बोझ बढ़ता जा रहा है. साथ ही उन्होंने जजों को मिलनेवाली सुविधाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जजों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलती हैं. काफी लंबे समय से हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति नहीं हो रही है, जिसकी वजह से यहां कार्यरत जजों पर कार्य का बोझ बढ़ता जा रहा है. साथ ही जजों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. अगर आप इसी प्रकार के समान पद वाले लोगों को देखें तो उनको कितनी अधिक सुविधाएं दी जा रही हैं. एक मुख्य सचिव व कैबिनेट सचिव को जजों से अधिक सुविधाएं मिलती हैं.
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