तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकालते हुए श्री दास ने कहा कि सारा जीवन उन्होंने माकपा के साथ लड़ाई की है और अब कांग्रेस व माकपा के गंठबंधन को वह कतई बरदाश्त नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए वह एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी माने जानेवाले श्री दास ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस से की थी, लेकिन जब ममता बनर्जी ने नयी पार्टी बनाने की घोषणा की तो वह भी ममता बनर्जी के साथ तृणमूल कांग्रेस में आ गये. वर्ष 2008 में उनके व पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच मतभेद हो गया, जिसकी वजह से वह तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे.
जब उन्होंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ा था, उस समय वह जिला अध्यक्ष के पद पर थे, लेकिन कुछ दिनों पहले उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सुब्रत बक्शी के साथ मुलाकात की थी और कांग्रेस से नाता तोड़ने की बात कही थी. वहीं, अशोक दास के पार्टी छोड़ने पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अबू ताहेर खान ने कहा कि विधानसभा चुनाव में उनको टिकट नहीं दिया गया था, जिसकी वजह से वह कांग्रेस से खफा थे. इसलिए वह कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं.