कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से कोलकाता नगर निगम प्रशासन पर लगातार आर्थिक अनियमितता के आरोप लगते रहते हैं. ट्राइडेंट लाइट, तेल घोटाला, टोकन घोटाला इत्यादि घोटालों के बाद अब तालिका में अब एक और नाम जुड़ गया है और वह है आरा घोटाला.
कांग्रेस पार्षद प्रकाश उपाध्याय ने निगम प्रशासन पर बाजार से दुगुनी कीमत पर आरा खरीदने का आरोप लगाया है. श्री उपाध्याय ने बताया कि निगम के इंटाली वर्कशॉप में लोहे के रॉड को काटने के लिए छह आरा खरीदा गया है. इस आरा को चॉप शॉ कहते हैं.
श्री उपाध्याय के दावे के अनुसार निगम ने एक आरे की कीमत 22,600 चुकायी है, जबकि बाजार में उसी आरे की कीमत मात्र 10400 रुपये है. अर्थात निगम ने बाजार में उपलब्ध आरे को दुगुनी से अधिक कीमत देकर खरीदारी की है. कांग्रेस पार्षद के अनुसार तीन और आरा खरीदने के लिए बातचीत चल रही है. मेयर शोभन चटर्जी ने इस आरोप का खंडन किया है. उनका दावा है कि इतनी कीमत में एक भी आरा नहीं खरीदा गया है. पर इसके साथ ही उन्होंने यह स्वीकार किया है कि 22600 रुपये में आरा खरीदने की बात सामने आयी थी, जिसे हम लोगों ने खारिज कर दिया. इस मामले में एक मैनेजर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है. श्री चटर्जी ने बताया कि ज्वायंट म्यूनिसिपल कमिश्नर को मामले की जांच की हिदायत दी गयी है. साथ ही विभागीय डीजी को चेतावनी भी दी गयी है.
मेयर के इस दावे का खारिज करते हुए कांग्रेस पार्षद ने कहा कि उनके पास इस बात का सबूत मौजूद है कि बाजार से दुगुनी कीमत पर आरा खरीदा गया है. अगर मेयर उनकी बात को गलत साबित कर देते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे. श्री उपाध्याय ने कहा कि आज तक एक भी घोटाले में किसी को सजा नहीं मिली है. इस मामले में अगर कोई कार्रवाई नहीं की गयी तो वह मेयर के दफ्तर के बाहर धरना देंगे.