श्री चौधरी ने अपने पोस्ट में लिखा है : मैं यह सूचित करता हूं कि धूलागढ़ दंगा का कवरेज करने पर मुझ पर और जी न्यूज की रिपोर्टर पूजा मेहता एवं कैमरामैन तनमय मुखर्जी के खिलाफ तृणमूल सरकार ने एफआइआर दर्ज करायी है. जो प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है वह गैर जमानती हैं. बंगाल सरकार का मकसद मुझे एवं मेरे सहयोगियों को गिरफ्तार करवाना है. हालांकि राज्य सचिवालय में किसी ने भी जी न्यूज के संपादक के इस आरोप पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
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धूलागढ़ हिंसा की खबर प्रसारित करनेवाले न्यूज चैनल पर प्राथमिकी
कोलकाता. हिंदी न्यूज चैनल जी न्यूज ने दावा किया है कि हावड़ा जिले के धूलागढ़ में हुई हिंसा की खबर प्रसारित किये जाने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने उसके कुछ कर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है. यह जानकारी जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा की है. श्री चौधरी […]
कोलकाता. हिंदी न्यूज चैनल जी न्यूज ने दावा किया है कि हावड़ा जिले के धूलागढ़ में हुई हिंसा की खबर प्रसारित किये जाने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने उसके कुछ कर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है. यह जानकारी जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा की है.
भाजपा ने की बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग
मीडिया के खिलाफ पुलिस की इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि मीडिया को डरा कर सत्य को राज्य सरकार छिपाना चाहती है. लेकिन इससे सत्य कभी छिप नहीं सकता. राज्य की 15 जगहों पर ऐसी घटनाएं हुई हैं. लेकिन बंगाल के मीडिया ने इसे प्रसारित नहीं किया. जबकि एक राष्ट्रीय हिंदी न्यूज चैनल ने सच्चाई दिखाने की हिम्मत जुटायी. यह साबित करता है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है. हमलावरों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है. लेकिन सच्चाई दिखाने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है. उन्होंने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की.
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