कोलकाता: आइआइटी खड़गपुर में छात्रावास के शुल्क में 20 प्रतिशत के इजाफे के विरोध में संस्थान के छात्रों के एक समूह ने इसके निदेशक, रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारियों का लगभग 25 घंटे तक उनके कार्यालय के समक्ष घेराव किया. इस दौरान आइआइटी के निदेशक, रजिस्ट्रार व अन्य अधिकारी अपने कार्यालय में फंसे रहे. हालांकि छात्रों ने घेराव तो उठा लिया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा.
प्रबंधन को छात्रावास के शुल्क में वृद्धि करने से पहले छात्रों से बात करनी चाहिए थी. गौरतलब है कि आइआइटी खड़गपुर प्रबंधन ने हाल ही में छात्रावास शुल्क में वृद्धि का यह फैसला हाल में लिया गया था और यह अगले साल जनवरी से प्रभावी हो जायेगा. इस संबंध में मंगलवार को छात्रों और प्रबंधन के बीच बैठक हुई थी.
इसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जो बुधवार सुबह खत्म हो गया. प्रबंधन ने छात्रों को उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया. छात्रों ने आइआइटी खड़गपुर के निदेशक पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती, रजिस्ट्रार प्रदीप पाइन, छात्रों के डीन और अन्य कई वरिष्ठ अधिकारियों को उनके कार्यालय से जाने नहीं दिया. मंगलवार की रात ये छात्र सभी अधिकारियों के कार्यालय के द्वार पर बैठ गये थे. एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि शुल्क वृद्धि पर हमलोग प्रबंधन के साथ चर्चा चाहते थे. खड़गपुर बेहद सस्ती जगह है, लेकिन यहां पर शुल्क सभी आइआइटी से अधिक है. तो फिर इस शुल्क वृद्धि के पीछे क्या तर्क है.
उन्होंने बताया कि हाल में उन्हें छात्रावास शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि के बारे में सूचित किया गया. छात्रों ने कहा कि पीएचडी के छात्र इससे सबसे बुरी तरह प्रभावित हैं, जिन्हें इस प्रतिष्ठित संस्थान से प्रति माह 25,000 रपये की छात्रवृत्ति मिलती है. पीएचडी के एक छात्र ने कहा कि अगर छात्रवृत्ति नहीं बढ़ायी जाती है, तो वे छात्रावास का बढ़ा शुल्क कैसे अदा कर सकते हैं, इतनी कम रकम में हमें अपने खाने और रहने के अन्य खर्च का प्रबंध करना होता है. इस साल अप्रैल में आइआइटी खड़गपुर के अधिकतर छात्रों ने शुल्क वृद्धि के खिलाफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था. छात्राें ने कहा कि जब तक प्रबधंन इस फैसले को वापस नहीं लेता है, उनका आंदोलन जारी रहेगा.