कोलकाता: राज्य सरकार ने भूगर्भ जल की चोरी करने पर जेल की सजा देने का प्रस्ताव रखा है. राज्य के जल संसाधन मंत्री सोमेन महापात्र ने विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल के दौरान बताया कि भूगर्भ जल के गलत इस्तेमाल व चोरी करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
शिकायतें मिल रही है कि कम हॉर्स पावर के इस्तेमाल की अनुमति लेकर ज्यादा हॉर्स पावर का इस्तेमाल किया जा रहा है. अभी तक गलत इस्तेमाल पर 50 से 500 रुपये तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लाया जायेगा. इस विधेयक में सजा में जेल की सजा का भी प्रावधान रखा गया है. इस बाबत प्रस्ताव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास भेजा गया है और विरोधी दलों से भी एकमत बनाने के लिए बात करेंगे.
उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल के मामले में वाम मोरचा शासन से ही 38 ब्लॉक सेमी क्रिटिकल है. उन लोगों के प्रयास से इसकी संख्या बढ़ने नहीं दी गयी है. बारिश के जल के इस्तेमाल भी बढ़ाया गया है.
भूगर्भ जल का गलत इस्तेमाल करनेवालों की पहचान करने के लिए जांच टीम बनाये जाने के सवाल पर श्री महापात्र ने कहा कि विभाग में पहले 22 हजार कर्मचारी काम करते थे, लेकिन इनकी संख्या अब घट कर 10 हजार हो गयी है. विभाग में कर्मचारियों की कमी है. वाम मोरचा शासन के दौरान कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गयी. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री को प्रस्ताव देंगे कि मत्स्य बंधु व प्राणी बंधु की तरह ही विभाग में जल बंधु नाम से स्वंयसेवियों की नियुक्ति की जाये, जो भूगर्भ जल के गलत इस्तेमाल रोकनेवालों पर निगरानी रखेंगे. उन्होंने कहा कि शहरी अंचलों में तालाब को पाट कर फ्लैट बनाने की शिकायतें मिली हैं. तालाब पाट कर फ्लैट बनाने नहीं दिया जायेगा. इस संबंध में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसरों में तालाब गंदगी से भरे रहते हैं. कृषि, मछली व उनके विभाग ने मिल कर योजना बनायी है कि गंदगी से भरे तलाबों की जल धरो, जल भरो योजना के तहत सफाई की जायेगी और उनमें मछली पालन किया जायेगा.