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पर्यावरण की रक्षा में सभी राज्यों की हो भागीदारी

झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय का आह्वान 17-18 दिसंबर को विकास व पर्यावरण पर रांची में संगोष्ठी कोलकाता : झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री व दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सरयू राय ने कहा है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी राज्यों की भागीदारी होनी चाहिए. यह सही है कि विकास को […]

झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय का आह्वान
17-18 दिसंबर को विकास व पर्यावरण पर रांची में संगोष्ठी
कोलकाता : झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री व दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सरयू राय ने कहा है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी राज्यों की भागीदारी होनी चाहिए. यह सही है कि विकास को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता, लेकिन विकास और पर्यावरण की रक्षा के लिए एक सामंजस्य बनाये रखना जरूरी है. यह जरूरी है कि नदियों के जल का पर्यावरणी प्रभाव बरकरार रहे.
नदियों की जैव विविधता व वनस्पतियां सुरक्षित रहे, तभी पर्यावरण संतुलन बना रह सकता है. कोई भी निर्णय के पहले तथ्यों की समीक्षा व विश्लेषण किया जाना बहुत ही जरूरी है. श्री राय ने बंगाल के विशिष्ट पर्यावरणविद सुभाष दत्ता से मुलाकात की. 17-18 दिसंबर को रांची स्थित आर्यभट सभागार में पूर्वी क्षेत्र के राज्यों के विकास व पर्यावरण विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया है. ‘युगांतर भारती’ व ‘नेचर फाउंडेशन’ के तत्वा‍वधान में आयोजित संगोष्ठी के लिए झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को सलाहाकार व प्रमुख संरक्षक बनाया गया है. सुभाष दत्ता भी सलाहकार कमेटी में शामिल हैं. श्री दत्ता संगोष्ठी में पर्यावरण के संबंध में अपना पेपर देंगे. बंगाल से पत्रकार प्रसूून आचार्य भी अपना परचा पेश करेंगे. संगोष्ठी में पूर्वी राज्यों, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल के विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के शिक्षक व प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. बंगाल से कुल 20 प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेगे. आइआइटी, खड़गपुर के शिक्षकों के साथ भी उनकी बातचीत चल रही है.
दामोदर बचाओ आंदोलन के अशोक सरकार को पश्चिम बंगाल का संयोजक बनाया गया है. उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य पर्यावरण का संरक्षण और निरंतर विकास की प्रक्रिया जारी रहने के प्रति जागरूकता पैदा करना है, क्योंकि पूर्वी भारत के राज्यों में 60-65 फीसदी प्राकृतिक संपदा है. विकास का सीधा प्रभाव प्राकृतिक संपदा नदियों, जंगल व पर्यावरण आदि पर पड़ता है. विकास के साथ-साथ प्राकृतिक संपदा को कैसे बचाये रखा जा सके, इस पर जोर दिये जाने की जरूरत है. श्री राय ने डीवीसी पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान में यह केवल बिजली उत्पादन की फैक्टरी भर बन कर रह गया है. सर्वाधिक प्रदूषण यहीं से होता है. इलाके के किसानों पर भी ध्यान नहीं दिया जाता. दरअसल डीवीसी का निर्माण ही गलत हुआ है. यही हाल रांची रिंग रोड का है. इसकी वजह से हटिया डैम में पानी नही भर रहा है.
श्री राय 15 दिनों के बाद फिर बंगाल आयेंगे और वह राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा पर्यावरण मंत्री से भी मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र के पांच राज्यों में 128 सांसद व 548 विधायक हैं. इन्हें लेकर एक कोर ग्रुुप बनाने की जरूरत है. यह ग्रुुप सरकारों पर पर्यावरण की रक्षा के लिए दबाव देगा. श्री राय सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ चाईबासा में मुलाकात करेंगे. उन्हें पर्यावरण की स्थिति से अवगत कराने के साथ-साथ इस दिशा में और भी सरकारी कदम उठाने के लिए वह अनुरोध करेंगे.

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