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10 रुपये के सभी सिक्के असल : आरबीआइ
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया : 10 रुपये के जिन सिक्कों में चिह्न नहीं, वह भी सही हैं 10 रुपये के जिन सिक्कों पर 10 की जगह 15 धारियां हैं, वह भी असली हैं 10 रुपये के दोनों तरह के सिक्कों का बेहिचक लेन-देन करना चाहिए जुलाई 2011 के बाद के सिक्कों में रुपये का […]
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया : 10 रुपये के जिन सिक्कों में चिह्न नहीं, वह भी सही हैं
10 रुपये के जिन सिक्कों पर 10 की जगह 15 धारियां हैं, वह भी असली हैं
10 रुपये के दोनों तरह के सिक्कों का बेहिचक लेन-देन करना चाहिए
जुलाई 2011 के बाद के सिक्कों में रुपये का चिह्न बना है
कोलकाता/नयी दिल्ली. देश में 500-1000 रुपये के नोट का चलन बंद होने के बाद अब 10 रुपये के सिक्के को लेकर खींचतान जारी है. पूरे देश में अफवाह है कि बाजार में 10 रुपये के नकली सिक्के भी मौजूद हैं, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने इस प्रकार की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया. सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट कर दिया कि देश में मौजूद 10 रुपये के सभी सिक्के असल हैं.
10 रुपये के जिन सिक्कों पर रुपये का चिह्न बना है और जिन सिक्कों पर चिह्न नहीं बना है, वे सभी सही हैं. ध्यान रहे कि जिन सिक्कों में 10 की जगह 15 धारियां हैं वह भी असली ही हैं, नकली नहीं. रिजर्व बैंक ने 10 रुपये के सिक्कों को लेकर लगातार फैल रहे अफवाह पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि जुलाई 2011 के बाद के सिक्कों में रुपये का चिह्न बना है, जबकि उससे पहले के सिक्कों में रुपये का चिह्न नहीं है. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, दोनों तरह के सिक्के बिल्कुल सही हैं और किसी को भी इनके लेनदेन से परहेज नहीं करना चाहिए. आरबीआई के मुताबिक, चूंकि 10 रुपये के सिक्के लंबे समय से प्रचलन में हैं. ऐसे में यह संभव है कि ये सिक्के अलग-अलग रंग-रूप और आकार में हों, क्योंकि समय-समय पर इनमें बदलाव होते रहते हैं.
आरबीआई ने कहा कि ऐसा ही बदलाव जुलाई 2011 में हुआ, जब 10 रुपये के सिक्के पर रुपये का चिह्न छापा गया. ऐसे में जुलाई 2011 के बाद के 10 के सिक्के पहले के सिक्कों से थोड़े अलग दिखते तो जरूर हैं, लेकिन वैधता के लिहाज से दोनों में कोई अंतर नहीं है और दोनों का बेहिचक लेनदेन किया जाना चाहिए. आरबीआई ने कहा कि दरअसल सिक्कों पर अक्सर देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतीकों को दर्शाया जाता है. ऐसे में एक ही मूल्य के सिक्के अलग-अलग डिजाइन और आकार में हो सकते हैं. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि ऐसी सूचना मिली है कि कुछ कम जानकार या गलत जानकारी रखनेवाले लोग व्यापार, दुकानदार आदि समेत आम लोगों के बीच इस प्रकार के सिक्कों को लेकर संदेह खड़ा कर रहे हैं. इससे देश के कुछ भागों में इन सिक्कों का प्रचलन बाधित हो रहा है और इससे भ्रम की स्थिति बन रही है.
रिजर्व बैंक ने 10 रुपये के नकली सिक्के के परिचालन में होने की अफवाह को खारिज करते हुए लाेगों से ऐसी झूठी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा है. केंद्रीय बैंक ने लोगों ने सभी प्रकार के सौदों में बिना किसी झिझक के इन सिक्कों को स्वीकार करने को कहा है.
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