10 हजार से ज्यादा दाम के रेलवे टिकटों की खरीदारी पर यात्रियों को आरक्षण फॉर्म के साथ पहचान पत्र या पैन कार्ड देना होगा. टिकट को रद्द करने के लिए यात्री को टीडीआर (टिकट डिपोजिट रिफंड) भर कर अपने ओरिजनल टिकट के साथ रेलवे पीआर काउंटर पर जमा करना होगा. रेल प्रशासन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा कि नौ नवंबर से 11 नवंबर के बीच रेलवे आरक्षण कार्यालय से बुक किये गये टिकट को रद्द कराने पर 10 हजार रुपये से अधिक का रिफंड होने पर कैश वापसी नहीं दिया जायेगा. यात्री को उसके टिकट का रिफंड चेक द्वारा या नेट बैंकिंग द्वारा उसके खाते में भेज दिया जायेगा.
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रेल टिकट वापसी का नया नियम, 24 तक लागू रहेगा
कोलकाता: पुराने एक हजार और पांच सौ के नोटो के रद्द किये जाने के बाद ब्लैक मनी को सफेद करने के लिए रेलवे के टिकटों की हो रही खरिददारी पर लगाम लगाते हुए रेलवे ने रेल टिकटों की खरीदारी और उसके रिफंड के नियम में बदलाव किया था.पहले इस नियम की अवधि 14 नवंबर थी, […]
कोलकाता: पुराने एक हजार और पांच सौ के नोटो के रद्द किये जाने के बाद ब्लैक मनी को सफेद करने के लिए रेलवे के टिकटों की हो रही खरिददारी पर लगाम लगाते हुए रेलवे ने रेल टिकटों की खरीदारी और उसके रिफंड के नियम में बदलाव किया था.पहले इस नियम की अवधि 14 नवंबर थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 24 नवंबर तक कर दिया है.
24 नवंबर तक यात्रियों को अपने यात्रा के टिकटों को रद्द करने पर 10 हजार तक ही रिफंड टिकट काउंटर पर मिलेगा. यदि रद्द टिकट की कीमत 10 हजार से ऊपर होगी, तो टिकट डिपोजिट रिफंड के माध्यम से रुपये की वापसी होगी. यानी की आपका पैसा आपके एकाउंट में चला जायेगा.
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