आम लोगों की भांति पश्चिम बंगाल के एक मंत्री को भी खुदरा रुपये की किल्लत का सामना करना पड़ा. 500 और 1000 के नोट का खुदरा नहीं होने के कारण राज्य के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अब्दुर रज्जाक मोल्ला को उधार में रुपये मांगने पड़े. राज्य के खाद्य प्रसंस्करण मंत्री अब्दुर रज्जाक मोल्ला ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही उन्होंने बैंक से रुपये निकाले थे और बैंक ने उन्हें 500 व 1000 के नोट दिये थे. अब अचानक करेंसी रद्द होने के कारण उनको भी समस्या हो रही है.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोट रद्द किये जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आखिर क्यों पुराने नोट को बंद किया गया, प्रधानमंत्री ने इसका स्पष्ट जवाब नहीं दिया. अगर काले धन पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री ने यह फैसला लिया है, तो उनको इसकी पूरी व्याख्या करनी चाहिए. प्रधानमंत्री द्वारा विदेश से काला धन वापस लाने के बयान पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने चुनाव के पहले दावा किया था कि वह विदेशों से काला धन देश में वापस लायेंगे और देश के प्रत्येक नागरिक के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपये जमा करायेंगे. कहां गया उनका वादा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था कि 500 और 1000 रुपये के नोट रद्द होने के बाद उन्होंने भी उधार में रुपये लेकर मिठाई खरीदी थी और इससे वह मां जगद्धात्री की पूजा करने गयी थी.