बैठक में इमाम इदैन कारी फललुर रहमान, नाखुदा मसजिद के इमाम मौलाना कारी शफीक कासमी, सांसद इदरीस अली, जमील मंजर, कमरुद्दीन मलिक, सबा इसमाइल, मौलाना नियामत हुसैन हबीबी समेत कई गणमान्य लोग शामिल थे. बैठक को संबोधित करते हुए कारी फजलुर रहमान ने कहा कि सभा को सफल बनाने के लिए हम सब कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
हमें उम्मीद है कि यह सभा इतनी कामयाब होगी कि देश के अन्य राज्यों से आनेवाले लोग पश्चिम बंगाल से शिक्षा व संदेश लेकर जायेंगे. साथ ही केंद्र की मोदी सरकार को भी एक संदेश जायेगा आैर वह शरीयत में हस्तक्षेप करने के फैसले से पीछे हटने के लिए मजबूर हो जायेगी. सांसद इदरीस अली ने कहा कि पार्क सर्कस मैदान में सभा के आयोजन की इजाजत पहले ही मिल चुकी है. पश्चिम बंगाल धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र की धरती है.
इसलिए इस सभा को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने का आह्वान करते हैं. श्री अली ने कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने जिस फेडरल फ्रंट के गठन का आह्वान किया है, उसमें सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के शामिल होने की हमें पूरी उम्मीद है. वर्ष 2019 में देश का प्रधानमंत्री कौन होगा, यह ममता बनर्जी ही तय करेंगीं. मौलाना शफीक कासमी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए जाति व धर्म को भूल कर इस सभा में इस तरह शामिल होंगे कि नरेंद्र मोदी भी धर्मनिरपेक्षता के प्रति अपना विचार बदल लेंगे.