बैठक के बाद मुख्यमंत्री का निर्देश पर परिवहन विभाग भी हरकत में आया और पूजा के पहले ही आंशिक रूप से ऑटो नीति लागू करने पर काम शुरू कर दिया. गौरतलब है ऑटो नीति पर हाइकोर्ट में पहले से ही तीन मामले चल रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार फिलहाल इसे आंशिक रूप से लागू करना चाहती है. गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने ऑटो चालकों के संबंध में शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नंबर व ह्वाट्स ऐप नंबर जारी किया है.
ऑटो किराए को लेकर भी कई शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं, लेकिन इसका किराया राज्य सरकार द्वारा तय नहीं किया जायेगा. संबंधित ऑटो रूट के मैनजमेंट सिस्टम द्वारा ही इसका निर्धारण किया जायेगा. इस कमेटी में मालिक, चालक, पुलिस, जनप्रतिनिधि व परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे. ऑटो नियंत्रण के लिए कोलकाता के साथ-साथ हावड़ा, विधाननगर व बैरकपुर आरटीओ को भी जोड़ा जायेगा. पांच वर्ष से अधिक समय से अवैध तरीके से चल रहे ऑटो को टैक्स लेकर परमिट दिया जायेगा.