कोलकाता. जिला परिषद के सदस्यों के लगातार तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाने से मुर्शिदाबाद जिला परिषद से आखिरकार नियंत्रण खोना पड़ा. शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिला परिषद में तृणमूल कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, जिसके बाद कांग्रेस को वहां हार का सामना करना पड़ा. हालांकि शुक्रवार को मतदान के दिन जिला परिषद अध्यक्ष व वाम-कांग्रेस के सदस्य वोट देने नहीं पहुंचे, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में 43 वोट पड़े. इसके बाद ही मुर्शिदाबाद जिला अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया गया.
मौके पर तृणमूल कांग्रेस सांसद, परिवहन मंत्री व मुर्शिदाबाद के तृणमूल कांग्रेस प्रभारी शुभेंदु अधिकारी भी उपस्थित थे. गौरतलब है कि 70 सदस्यीय मुर्शिदाबाद जिला परिषद में फिलहाल 69 सदस्य थे. इनमें तृणमूल कांग्रेस के पास मात्र एक सदस्य था, लेकिन विभिन्न चरणों में कांग्रेस व वाममोरचा के लगभग 40 सदस्यों ने तृणमूल कांग्रेस का झंडा थामा.
उन्होंने बताया कि अब अगले सप्ताह तृणमूल कांग्रेस द्वारा यहां की नगरपालिकाओं में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जायेगा. जिला परिषद अध्यक्ष पर कब्जा करने के बाद इनका अगला लक्ष्य कांदी व मुर्शिदाबाद नगरपालिका पर कब्जा करने का है. गौरतलब है कि पिछले महीने तृणमूल ने कांग्रेस के एक और मजबूत गढ़ मुर्शिदाबाद के पड़ोसी मालदा जिला परिषद पर कब्जा किया था़ उस समय कांग्रेस और वाम दलों के 14 सदस्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्ववाली पार्टी में शामिल हो गये थे.