कोलकाता. शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षिकाआें के लिए एक बड़ी खुशखबरी का एलान किया. उन्होंने शिक्षिकाआें की नियुक्ति व स्थानांतरण के मुद्दे पर कई नयी योजनाआें की घोषणा की. राज्य शिक्षा विभाग की नयी नीति के अनुसार, अब शिक्षिकाआें को पढ़ाने के लिए दूसरे जिले नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि अब वह […]
कोलकाता. शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षिकाआें के लिए एक बड़ी खुशखबरी का एलान किया. उन्होंने शिक्षिकाआें की नियुक्ति व स्थानांतरण के मुद्दे पर कई नयी योजनाआें की घोषणा की. राज्य शिक्षा विभाग की नयी नीति के अनुसार, अब शिक्षिकाआें को पढ़ाने के लिए दूसरे जिले नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि अब वह अपने घर के पास के ही किसी स्कूल व कॉलेज में स्थानांतरण कर सकती हैं.
नयी शिक्षिकाआें की नियुक्ति के क्षेत्र में भी इसी नीति को लागू किया जायेगा. उसके अनुसार नयी नियुक्त हुईं शिक्षिकाआें को अब उनके घर के आसपास के ही किसी स्कूल व कॉलेज में नियुक्त किया जायेगा. शिक्षा रत्न पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान श्री चटर्जी ने कहा कि यह देखा जाता है कि महिलाआें को जीविका के लिए अपना जिला छोड़ कर काफी दूर रहना पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें काफी समस्या होती है.
हम लोगों को इस विषय पर सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है. जो जिस जिले की हैं, वह उसी जिले में काम पा सकें, इस बारे में विचार विमर्श किया जा रहा है. स्कूलों में नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने की बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि फौरन नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करना होगा. इसके लिए कोशिश चल रही है. राज्य की शिक्षा व्यवस्था को आैर मजबूत बनाने के लिए छात्रों और शिक्षकों का आह्वान करते हुए श्री चटर्जी ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था के विकास के लिए सरकार ने कई पहल की है. छात्र-छात्राआें की 75 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया गया है. शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का सही से पालन करें, इस आेर भी ध्यान देने की जरूरत है.
169 शिक्षकों को मिला शिक्षा रत्न पुरस्कार
पश्चिम बंगाल सरकार ने शिक्षक दिवस के अवसर पर विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के 169 शिक्षकों को शिक्षा रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया. शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने शिक्षकों को शिक्षा रत्न पुरस्कार प्रदान किया. शिक्षा रत्न पानेवाले शिक्षकों में सेंट जेवियर कॉलेज के प्रिंसिपल फादर फेलिक्स राज शामिल हैं. शिक्षा रत्न पुरस्कार के साथ-साथ स्कूलों को ‘ उत्तम स्कूल 2016’ के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. 2011 में सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को सम्मानित करने की परंपरा शुरू की है.