शिकायत में उसने कहा है कि मदन एनआरएस अस्पताल में घूम-घूम कर लोगों से ब्लड व प्लेटलेट खरीदने की बात कह रहा था. उसकी बातों में आकर एक महिला अस्पताल में भरती परिवार के सदस्य के लिए उससे 500 रुपये का प्लेटलेट तीन हजार रुपये में खरीदने को राजी हो गयी. मदन ने महिला को बताया कि शुक्रवार को बंद का माहौल होने के कारण महानगर के ब्लड बैंकों में ब्लड व प्लेटलेट नहीं हैं. इसके कारण तीन हजार रुपये देने पर वह एक यूनिट प्लेटलेट दे देगा. अस्पताल में ही रुपये देने के बाद उसने मोचीपाड़ा इलाके में प्लेटलेट देने के लिए उसे बुलाया.
दीपंकर मित्रा ने बताया कि इन सब पर उसकी नजर पड़ने पर उसने उसका पीछा किया और न्यू मार्केट थाने की पुलिस को भी इसकी सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने मदन को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. सौदा एनआरएस अस्पताल में तय होने के कारण इंटाली थाने में मामले को ट्रांसफर कर दिया गया है. इस मामले में कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (एसटीएफ) विशाल गर्ग ने बताया कि इसके पहले भी उसे ब्लड व प्लेटलेट ब्लैक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जेल से बाहर निकलने के बाद फिर से उसने यह धंधा शुरू कर दिया.