कोलकाता: सिंगूर एवं नंदीग्राम आंदोलनों के कारण सत्ता में पहुंची ममता बनर्जी सरकार ने इन आंदोलनों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ पिछली वाम मोर्चा सरकार द्वारा दर्ज किये गये मामलों को वापस लेने का निर्णय किया. जिन लोगों के खिलाफ मामले वापस लेने का फैसला किया गया है उनमें दो मंत्री एवं तृणमूल के एक प्रमुख सांसद शामिल हैं.
पंचायत मंत्री सुव्रत मुखर्जी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार द्वारा सिंगूर एवं नंदीग्राम में कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किये गये मामलों में से राज्य सरकार ने नंदीग्राम में 303 और सिंगूर में 122 के खिलाफ मामले वापस लेने का निर्णय किय है. इन मामलों के गुण दोष के आधार पर यह निर्णय किया गया है.यह फैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किया गया.
इससे एक दिन पूर्व ही ममता ने सीबीआई को आड़े हाथ लिया था और उनका इशारा जांच एजेंसी द्वारा नंदीग्राम पुलिस फायरिंग में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार को क्लीन चिट दिये जाने की ओर था. 2007 में हुई इस पुलिस फायरिंग में 14 लोगों की जान गयी थी.सरकार ने दो मंत्री रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्य एवं बेचाराम मन्ना तथा सांसद शुभेन्द्र अधिकारी के खिलाफ मामला वापस लिया है.