कोलकाता : आइआइटी खड़गपुर की ओर से अपने यहां शोध प्रधान शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किये जाने का नतीजा है कि इस साल संस्थान से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करनेवाले शोधार्थियों की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. आइआइटी का दीक्षांत समारोह शनिवार और रविवार को है.
इसमें 298 शोधार्थियों को पीएचडी और 28 को एमएस (शोध) की डिग्री प्रदान की जायेगी. संस्थान के पदाधिकारियों ने कहा कि इस साल डॉक्टरेट की डिग्री पानेवालों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी अधिक है और यह शोध प्रधान शिक्षा को लेकर जोर दिये जाने को दर्शाता है.
संस्थान ने पिछले कुछ वर्षों में शोध प्रधान शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया है और ऐसे में शोधार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है. देश के इस प्रतिष्ठित संस्थान के अनुसार मौजूदा समय में 2550 शोधार्थी डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों के तहत अध्ययन कर रहे हैं. यह संख्या पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी अधिक है. इनके अलावा 26 छात्र डॉक्टरेट पूरा करने के बाद शोध कर रहे हैं.