मालदा. मालदा के कालियाचक थाने के बालियाडांगा इलाके के अंसारी ग्राम से गैरकानूनी हथियार बनाने के एक कारखाने का भंडाफोड़ हुआ है. शनिवार देर रात पुलिस ने अभियान चलाया. इसमें गांव के एक घर से आग्नेयास्त्र बनाने के साजोसामान और पाइपगन के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. घर में चार-पांच बदमाश और मौजूद […]
मालदा. मालदा के कालियाचक थाने के बालियाडांगा इलाके के अंसारी ग्राम से गैरकानूनी हथियार बनाने के एक कारखाने का भंडाफोड़ हुआ है. शनिवार देर रात पुलिस ने अभियान चलाया. इसमें गांव के एक घर से आग्नेयास्त्र बनाने के साजोसामान और पाइपगन के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. घर में चार-पांच बदमाश और मौजूद थे, लेकिन पुलिस की भनक पाकर वे फरार हो गये. कमरे के भीतर जमीन में पॉलीथीन के अंदर छुपाकर आग्नेयास्त्र बनाने के उपकरण रखे गये थे. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति का नाम अब्दुल गफ्फार शेख (45) है.
उसी के घर में अवैध हथियार बनाये जा रहे थे. पुलिस ने बताया कि जो सामान बरामद किये गये हैं उससे 50-60 पाइपगन और मस्कट बनायी जा सकती थीं. पुलिस ने बताया कि हथियार तैयार करके यहां से बाहर भेजे जाते थे. इस अवैध कारखाने का संपर्क बांग्लादेशी बदमाशों से भी तो नहीं था, इस बारे में जांच की जा रही है.
प्राथमिक पूछताछ में अब्दुल गफ्फार ने पुलिस को बताया कि उसके पक्के घर के पीछे एक खाली पड़े कमरे में गोपनीय तरीके से गैरकानूनी हथियार बनाये जा रहे थे.
इस काम में उसके अलावा पांच लोग और शामिल थे जो फरार हो गये. पुलिस ने बताया कि फरार लोगों के घर बिहार में हैं. अब्दुल गफ्फार ने इससे पहले तैयार आग्नेयास्त्रों की आपूर्ति एक स्थानीय बदमाश को की थी. पुलिस ने बताया कि अब्दुल गफ्फार इलाके में दिहाड़ी मजदूर के रूप में जाना जाता है.
बीच-बीच में दूसरे राज्य में काम करने जाने के नाम पर वह बाहर जाता था. उसके परिवार में पत्नी और बच्चे हैं. परिवार का इस धंधे से कोई लेना-देना है या नहीं, इस बारे में पुलिस अभी कुछ नहीं कहना चाहती. अब्दुल पर पहले कोई मामला दर्ज था या नहीं, यह जानकारी भी पुलिस जुटा रही है. अनपढ़ अब्दुल ने कुछ महीने पहले अपने घर के सामने साइकिल मरम्मत की दुकान खोली थी. इसी के नाम पर वह विभिन्न औजार और पाइप जुटाता था. अब्दुल दुकान की आड़ अपने घर में गैरकानूनी हथियारों का कारखाना चलाता था, इस खबर से ग्रामवासी आश्चर्यचकित हैं.
अब्दुल गफ्फार के पड़ोसियों मतीउर शेख, रब्बानी शेख, रुहुल मियां ने कहा कि हम लोग अब्दुल को अच्छा आदमी मानते थे. वह दिहाड़ी मजदूर का काम करता था. दो महीने पहले उसने घर के सामने एक गुमटी में साइकिल मरम्मत की दुकान खोली थी. उसके घर के पीछे एक कमरे में हमलोग रात में रोशनी जलते देखते थे. हम समझते थे कि वह साइकिल की मरम्मत का काम कर रहा होगा. लेकिन अब्दुल ऐसा कुछ कर रहा होगा, हमने कभी सोचा तक नहीं था.